संवाददाता, मुजफ्फरपुर. नक्सली 25 जुलाई को प्रधानमंत्री की आयोजित सभा में लोगों को नहीं जाने की अपील व उत्तर बिहार बंद करने की नक्सलियों की घोषणा से खुफिया विभाग की बेचैनी बढ़ गई है. विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने सरकार व प्रशासन को आगाह कर दिया है. खुफिया एजेंसियों ने यह भी अनुमान लगाया है कि रैली पर भी इसका प्रभाव पढ़ सकता है. नक्सली प्रभावित ईलाके से रैली में शामिल होने वाले 25-30 प्रतिशत लोग भय से नहीं जा सकते है. नक्सलियों के इस आह्वान को लेकर जहां खुफिया एजेंसियों की बेचैनी बढ़ गई है.वही प्रशासन भी सकते में है. इसको लेकर सुरक्षा के और कड़े प्रबंध कियें जा सकते है. सभा की सुरक्षा के अलावा काफी संख्या में अर्द्वसैनिक बलों को नक्सली प्रभावित इलाकों मं लगाया जा सकता है. ताकि किसी को रैली में जाने से रोका नहीं जा सके. खासकर शिवहर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर व वैशाली के नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष नजरें रखनी शुरू कर दी गई है. रैली से पहले नक्सलियों के विरूद्ध अभियान को और तेज किया जा सकता है. करीब एक सप्ताह से नक्सलियों के विरुद्ध चल रहे अभियान में दो दर्जन से अधिक नक्सलियों को पकड़े जाने की सूचना है. हालांकि इसे अति गोपनीय रखा गया है. गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ के बाद उनके अन्य ठीकानों पर छापेमारी जारी है. बुधवार को भी तिरहुत व सारण प्रमंडल ने नक्सलियों के विरूद्ध अभियान जारी रहा.
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नक्सली बंदी से रैली पर पड़ सकता है प्रभाव?
संवाददाता, मुजफ्फरपुर. नक्सली 25 जुलाई को प्रधानमंत्री की आयोजित सभा में लोगों को नहीं जाने की अपील व उत्तर बिहार बंद करने की नक्सलियों की घोषणा से खुफिया विभाग की बेचैनी बढ़ गई है. विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने सरकार व प्रशासन को आगाह कर दिया है. खुफिया एजेंसियों ने यह भी अनुमान लगाया है कि […]
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