मुजफ्फरपुर: नगर से सटे गोला पंचायत में स्थित राजकीय मध्य विद्यालय की हेडमास्टर नुपुर कुमारी को मोहल्लावासियों ने रविवार की दोपहर स्कूल से बाहर भेजे जा रहे एमडीएम के चावल के साथ ही पकड़ लिया और घंटों हंगामा किया.
शोर गुल सुन कर कुछ ही देर में पुरुषों के साथ ही मोहल्ले की महिलाएं व बच्चे भी पहुंच गए. ठेले पर लदा नौ बोरी गेहूं को रोकने के साथ ही हेडमास्टर को उनके कार्यालय में ही बंधक बना लिया. उनका कहना था कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के हिस्से में आया चावल बाजार में बेच दिया जाता है. देर रात वार्ड पार्षद दीपलाल राम के आवेदन पर नुपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
रविवार को छुट्टी के चलते स्कूल का मुख्य द्वार बंद था. इस बीच दोपहर करीब दो बजे स्कूल के पीछे गली से गुजरते हुए एक बच्चे की नजर हेडमास्टर कार्यालय की खिड़की पर पड़ी, जो उस वक्त खुली हुई थी. बच्चे को कुछ आशंका हुई तो उसने कुछ लोगों से इसका जिक्र किया. तब तक कई लोग जुट गए थे. अंदर से आहट मिली तो उन्हें गड़बड़ी की भनक लगी. स्कूल को मोहल्लेवासियों ने चारों तरफ से घेर लिया था. इसी बीच मुख्य द्वार खुला और उसमें से चावल की बोरियां लेकर एक ठेला बाहर निकला, तो मोहल्ले वालों ने उसे रोक लिया. इस बीच अपने कार्यालय के बाहर कुर्सी लगा कर बैठी हेडमास्टर पर नजर पड़ी तो महिलाएं व बच्चे विरोध प्रदर्शन करते हुए उनके पास पहुंच गए. उन्हें कमरे में बैठाकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया. मुहल्ले से दो दर्जन से अधिक महिलाएं पहुंची थी. इस बीच सूचना पर नगर थाना की पुलिस भी पहुंच गई. पुलिस ने समझा-बुझा कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया, जिसके बाद भीड़ शांत हुई
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बिगड़ रहा था भीड़ का मिजाज
देर होने पर भीड़ का मिजाज बिगड़ रहा था. कैम्पस में जुटी महिलाएं चिल्ला-चिल्लाकर बददुआ दे रही थी. जिस वक्त नगर थाने की पुलिस पहुंची, तो काफी मुश्किल से कमरे का दरवाजा खुलवाकर अंदर जा सकी. इस बीच कुछ जनप्रतिनिधि भी आ गए, जिसके बाद वार्ता चलने लगी. इस दौरान बाहर मौजूद भीड़ का रुख उग्र हो जाता और चिल्लाते हुए दरवाजा पीटने लगते थे. महिलाएं व बच्चे जोर-जोर से नारे भी लगा रहे थे.
बच्चों से बोलती हैं घर से खाकर आने को : एक महिला का कहना था स्कूल में बच्चों को खिलाने के लिए चावल आता है, जिसे हर महीने बेच दिया जाता है. बच्चों से कहा जाता है कि घर से ही खाना खाकर आएं. महीने में कभी-कभार ही खाना मिलता है. सरकार से गरीब बच्चों के लिए हर महीने चावल मिलता है, लेकिन हमारे बच्चे भूखे लौट जाते हैं.
पढ़ाती नहीं, सुतल रहती है..
मैडम कभी पढ़ाती भी नहीं है. जब आती है तब सुतल रहती है. बच्च शोर करता है, तब डांट के चुप करा देती है. बाकी मैडम लोग पढ़ाती रहती है. भीड़ में हर कोई अपने-अपने ढंग से घटना का जिक्र कर रहा था, तो उसी स्कूल में तीसरी के छात्र दीपांशु ने भी हेडमास्टर के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. बोला, जब किसी सामान की जरूरत होती है तो मंगाने के लिए हम लोगों को ही बुलाकर भेजती है.
बदलने के लिए ले जा रही थी चावल : हेडमास्टर नुपुर कुमारी का कहना है कि एमडीएम का चावल खराब हो रहा था. बोरियों में कीड़े लग रहे थे, जिसे बदलने के लिए ले जा रही थी.
विभाग भी करेगा कार्रवाई
जिला शिक्षा पदाधिकारी गणोश दत्त झा ने बताया कि एमडीएम के चावल के साथ प्रधानाध्यापिका के पकड़े जाने का मामला संज्ञान में आया है. विभागीय स्तर से भी जांच करा रहे हैं. आरोप सही मिलने पर कार्रवाई करेंगे.