मुजफ्फरपुर: नगर निगम की लगातार तीन बैठक से पार्षदों की अनुपस्थिति मामले में अब तत्कालीन नगर आयुक्त पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयुक्त के आदेश के आलोक में प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव ने डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी नगरपालिका को पत्र भेज कर संबंधित पदाधिकारी पर विभागीय कार्रवाई कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. निर्वाचन आयुक्त ने आरोपित पार्षदों से पक्ष का हवाला देते हुए बताया है कि बैठक से अनुपस्थिति की कोई ठोस साक्ष्य निगम नहीं उपलब्ध कराया है.
साथ ही पार्षदों को बैठक में आने के लिए सही समय पर नोटिस नहीं दिया गया है. यही नहीं निगम की ओर से निर्वाचन आयोग को जो जांच रिपोर्ट भेजी गयी है, वह भी अस्पष्ट है. इसे गंभीरता से लेते हुए निर्वाचन आयुक्त ने तत्कालीन नगर आयुक्त की लापरवाही मानते हुए, कार्रवाई के लिए कहा गया है. उल्लेखनीय है कि 2009 में नगर निगम के लगातार तीन बैठकों से अनुपस्थित 17 पार्षद के चुनाव लड़ने पर सवाल खड़ा हो गया था. इस मामले में निकटतम प्रत्याशी की ओर से चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायी गयी थी. इधर, नामांकन वापसी तक इन उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में रहने को लेकर ऊहा-पोह की स्थिति बनी हुई थी.
चुनाव आयोग के आदेश की प्रतीक्षा की जा रही थी. जांच में अनुपस्थित होने का मामला स्पष्ट नहीं होने के कारण आयोग ने तत्काल उनलोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी. राज्य निर्वाचन आयोग ने अगस्त माह में संजीव रजक बनाम उमेश पासवान मामले की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया की पार्षद के बैठक अनुपस्थित मामले में की सुनवाई में जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए है. यह गंभीर विषय है. हालांकि इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग से करीब आधा दर्जन वार्ड पार्षद दोष मुक्त हो चुके हैं.