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कौशल विकास नहीं चुने गये सूबे के विवि व कॉलेज

मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार भले ही युवाओं के कौशल विकास की योजनाएं बना रही है, लेकिन बिहार के एक भी विश्वविद्यालय या कॉलेज कौशल विकास की शिक्षा देने के योग्य नहीं है. ऐसा हम नहीं कहते, बल्कि विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) का यह मानना है. दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के लिए सूबे से 38 उच्च […]

मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार भले ही युवाओं के कौशल विकास की योजनाएं बना रही है, लेकिन बिहार के एक भी विश्वविद्यालय या कॉलेज कौशल विकास की शिक्षा देने के योग्य नहीं है. ऐसा हम नहीं कहते, बल्कि विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) का यह मानना है. दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के लिए सूबे से 38 उच्च शिक्षण संस्थानों ने आवेदन दिया था.

16 जून को इन संस्थानों के प्रतिनिधियों ने कॉलेज में उपलब्ध सुविधाओं का यूजीसी कार्यालय में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया, लेकिन एक भी शिक्षण संस्थान की सुविधा को केंद्र खोलने के योग्य नहीं माना गया. बिहार से जिन शिक्षण संस्थानों के प्रस्ताव को ठुकराया गया है, उसमें सूबे में तकनीकी शिक्षा की सर्वोच्च संस्था आर्यभट्ट ज्ञान विवि पटना भी शामिल है. बीआरए बिहार विवि के तीन कॉलेजों, एमडीडीएम, आरडीएस व आरएन कॉलेज हाजीपुर ने भी अपने यहां केंद्र खोलने के लिए आवेदन दिया था.

48 कॉलेजों को मिलेगा अनुदान
यूजीसी ने 16 जून को इंटरफेस मीटिंग के आधार पर देश के 75 उच्च शिक्षण संस्थानों को दीन दयाल कौशल केंद्र खोलने लायक माना है. इसमें से 48 कॉलेजों को यूजीसी अनुदान भी देगी. इसकी सीमा 1.80 करोड़ रुपये से 4.90 करोड़ रुपये तक है. अनुदान पाने वालों की सूची में दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीटय़ूट आगरा व महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोद्योग विवि मध्यप्रदेश सबसे ऊपर है. दोनों को 2015-16 व 2016-17 में यूजीसी की ओर से 4.90 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा.
छोटे राज्यों को मिली सफलता
बिहार भले ही इस सूची में शामिल होने में चूक गया हो, लेकिन नागालैंड, छत्तीसगढ़, केरल, पंजाब, हरियाणा, मणिपुर, झारखंड जैसे छोटे राज्य इस सूची में शामिल होने में सफल रहे. देश के 17 शिक्षण संस्थानों को सेल्फ फाइनेंस के तहत केंद्र खोलने की अनुमति दी गयी है. इन्हें यूजीसी से अनुदान के रू प में कोई राशि नहीं मिलेगी. छात्रों के नामांकन से प्राप्त राशि से ही कोर्स का संचालन करना होगा. बिहार का एक भी कॉलेज या विवि इस श्रेणी में भी नहीं आ सका.
क्या है कौशल विकास योजना
दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत 10वीं पास से लेकर स्नातकोत्तर कर चुके छात्र-छात्राओं के कौशल विकास की योजना है. इसका मकसद छात्र-छात्रओं को इंडस्ट्रीज के हिसाब से वृहद पैमाने पर मैन पावर के रू प में तैयार करना है. इसके लिए यूजीसी पांच करोड़ रुपये तक अनुदान देती है. इसमें से दो करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर, दो करोड़ स्टाफ के भुगतान व एक करोड़ रुपये सेमिनार, वर्कशॉप, ट्रेनिंग प्रोग्राम, वेब क्रिएशन, गेस्ट फैकल्टी, रिसोर्स पर्सन आदि के लिए मिलता है. केंद्र में सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर एडवांस डिप्लोमा तक की डिग्री दी जाने की सुविधा है. केंद्र खोलने के लिए कॉलेज का नैक मूल्यांकित होना जरू री है. साथ ही उसका किसी मान्यता प्राप्त औद्योगिक पार्टनर भी होना चाहिए. आरडीएस कॉलेज ने इसके लिए कोलकाता की कंपनी ओरियन इंफोटेक व एमडीडीएम कॉलेज ने ओरियन इंफोटेक के साथ एनआइआइटी, पटना के साथ समझौता किया था.

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