बोचहां के चकगाजी गांव का रहनेवाला मोहित धनुकार उनके घर में मजदूरी का काम कर रहा था. तीन दिन पहले राजमिी संतोष उसे काम पर लाया था. शनिवार को मोहित काम पर नहीं आया. इसी दौरान पता चला कि घर से सोने की चेन चोरी हो गयी है. चूंकि शनिवार को काम पर मोहित नहीं आया था. इसी वजह से शक मोहित पर हुआ.
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अहियापुर थाने में मजदूर को पीटा
मुजफ्फरपुर: थानों पर ये जुमला लिखा रहता है, न्याय सबके लिये, लेकिन रविवार को अहियापुर थाने पर जो घटना हुई, उसने इसे बेमानी साबित कर दिया. थाने में एक निदरेष मजदूर को जम कर पीटा गया. उस पर सोने की चेन चुराने का संदेह था. इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. हां, उसने उन लोगों […]
मुजफ्फरपुर: थानों पर ये जुमला लिखा रहता है, न्याय सबके लिये, लेकिन रविवार को अहियापुर थाने पर जो घटना हुई, उसने इसे बेमानी साबित कर दिया. थाने में एक निदरेष मजदूर को जम कर पीटा गया. उस पर सोने की चेन चुराने का संदेह था. इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. हां, उसने उन लोगों तब सहयोग जरूर किया, जब मजदूर के परिजन थाने में पहुंच कर मामले के बारे में जानने की कोशिश करने लगे, तब सक्रिय हुई पुलिस ने मजदूर के परिजनों को थाने से बाहर भगा दिया. बाद में जिस चेन की चोरी के संदेह में मजदूर को पीटा जा रहा था, वो उस व्यक्ति के घर में ही मिली, तब जाकर मजदूर को छोड़ा गया. जानकारी के मुताबिक अहियापुर थाना के गायत्री मंदिर के पास एक व्यक्ति का मकान बन रहा है.
रविवार को मोहित मजदूरी के सिलसिले में शहर आ रहा था. इसी दौरान पटियासा में बाइक सवार लोगों ने उसे जबरन अपने साथ बैठा लिया. इनमें उक्त मकान का मालिक भी शामिल था, जिसका घर बन रहा है. मोहित ने बताया कि इसके बाद उसे जबरन अहियापुर थाने लाया गया, जहां पुलिस के सामने उसकी पिटाई की जाने लगी. उससे चोरी गयी चेन के बारे में पूछा जा रहा था, जब उसने चेन के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं होने की बात कही, तो उसे बेरहमी से मारा जाने लगा.
वहीं, मोहित को जबरन ले जाने की बात जब उसके परिजनों व गांववालों को पता चली, तो वो लोग भी पीछे-पीछे थाने पहुंच गये. उन लोगों ने देखा कि मोहित को बेरहमी से पीटा जा रहा है, तो उन्होंने बचाव की कोशिश की, लेकिन इस दौरान पुलिसवालों ने उन्हें थाने से भगा दिया. बताया जाता है कि इसके कुछ देर बाद ही फोन आया कि जिस चेन की चोरी के आरोप में मोहित को पीटा जा रहा है, वो घर में ही मिल गयी है.
बताया जाता है कि इसके बाद मोहित को उक्त लोगों व पुलिसवालों ने थाने से भगा दिया और इस बात की हिदायत दी कि वो किसी से कुछ नहीं कहेगा. मीडिया से जुड़े लोगों ने जब घटना के बारे में मोहित से जानकारी लेने की कोशिश की, तो उन्हें भी रोका गया. इस संबंध में जब अहियापुर के थानाध्यक्ष से पूछा गया, तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया.
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