फोटो : माधव 16संवाददाता, मुजफ्फरपुरपारु सरैया, साहेबगंज, मोतीपुर, मीनापुर, कांटी, मड़वन प्रखंडों की 60 सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बननी थी. इसकी स्वीकृति वर्ष 2009 में निर्माण के लिए दी गयी, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी ये सड़कें नहीं बनीं. आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ही कंपनी को 53 सड़कें बनाने का टेंडर दे दिया गया. 53 सड़कें बनाने वाली जेएसआर कंपनी मनमानी कर रही है. यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद ने नवयुवक समिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा, कंपनी सड़कें तो नहीं बनायी, लेकिन ईंट की बनी सड़क का ईंट उखाड़ कर बेच दिया. अब उन सड़कों पर कीचड़ व धूल उड़ रहा है. आसपास रहने वाले ग्रामीणों को चलने व रहने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संदर्भ में पांच बार सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया. मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री व जिलाधिकारी को भी कई बार पत्र लिख इसकी जानकारी दी गयी. उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल 2012 को जिला सतर्कता व निगरानी समिति की बैठक में भी सवाल उठाया. लेकिन अब तक न ही सड़कें बनीं और न ही ठेकेदार के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई ही की गयी. उन्होंने कहा, जल्द से जल्द प्राथमिकता के आधार उन सड़कों को नहीं बनाया गया व संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गयी तो वह लाचार होकर सभी दो सौ गांव के ग्रामीणों के साथ अधूरी सड़कों पर पदयात्रा व सत्याग्रह करेंगे.
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छह सालों में भी नहीं बनीं 60 ग्रामीण सड़कें : रघुवंश
फोटो : माधव 16संवाददाता, मुजफ्फरपुरपारु सरैया, साहेबगंज, मोतीपुर, मीनापुर, कांटी, मड़वन प्रखंडों की 60 सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बननी थी. इसकी स्वीकृति वर्ष 2009 में निर्माण के लिए दी गयी, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी ये सड़कें नहीं बनीं. आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ही कंपनी […]
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