मुजफ्फरपुर: कॉलेजों के शिक्षक अपनी क्षमता के अनुसार छात्रों की पढ़ाई-लिखाई के लिए तत्पर रहते हैं. इसके बावजूद छात्र एक-दो रूम वाले सुविधा रहित कोचिंग इंस्टीच्यूट्स व प्राइवेट टय़ूशन की ओर रुख कर रहे हैं. यह चिंता का विषय है. साथ ही कॉलेज शिक्षकों व छात्रों के बीच की दूरी को भी यह रेखांकित करता है.
यह बातें आरडीएस कॉलेज में आयोजित छात्र-शिक्षक मिलन व नूतन छात्र अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा ने कही.
उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा के साथ-साथ छात्रों का सर्वागीण विकास व व्यक्तित्व में निखार होना जरूरी है. इसके लिए छात्रों को कॉलेज में चलाये जाने वाले राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम, एनसीसी, खेलकूद प्रतियोगिता व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेना जरूरी है.
बुस्टा महासचिव सह राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों को बड़ा स्वप्न देखना चाहिए. मन में यह भाव नहीं होना चाहिए कि पढ़ाई के लिए बाहर के विवि में नहीं जा सके. ऐसे अनगिनत उदाहरण है, जिसमें बिहार के छात्रों ने ग्रामीण स्कूलों एवं बिहार के महाविद्यालयों में ऊंचा से ऊंचा स्थान हासिल किया.समारोह में रसायन विभागाध्यक्ष डॉ व्यास मिश्र, सीनेटर डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता, कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एमएन रजवी, एनसीसी अधिकारी डॉ श्याम बाबू शर्मा, पुस्तकालयाध्यक्ष रघुनाथ पांडेय व कॉलेज शिक्षक संघ के सचिव डॉ संजय कुमार ने भी संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ विकास नारायण उपाध्याय ने किया.