जिले में छात्रों का रिजल्ट 65 प्रतिशत रहा, वहीं छात्रओं का रिजल्ट 48.90 प्रतिशत पर सिमट गया. कुल 55 हजार बच्चों में मात्र 4664 बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं. खराब परिणाम आने पर जिले की शैक्षणिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है. रिजल्ट को लेकर शनिवार को सुबह से ही छात्र-छात्रओं की बेचैनी बढ़ी हुई थी.
परिणाम जानने को लिए शाम करीब चार बजे शहर के साइबर कैफे में बच्चों की जबरदस्त भीड़ थी. लेकिन खराब परिणाम के कारण अधिकांश बच्चे साइबर कैफे से निराश लौट रहे थे. कुछ ही बच्चों के चेहरे पर खुशी दिख रही थी.