मुजफ्फरपुर: सूखा वितरण की राशि वितरण में गड़बड़ी के मामले में तीन राजस्व कर्मचारी फंस गये हैं. राशि वितरण में अनियमितता में दोषी पाये गये कर्मियों पर प्रपत्र ‘क’ गठित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन भानू प्रताप सिंह सिंह ने वरीय उपसमाहर्ता (आपदा प्रबंधन) को कार्रवाई करने के निर्देश दिया है. मामला गायघाट प्रखंड में वर्ष 2010-11 में सूखा राहत वितरण का है.
जिन राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा हुई है, उनमें देवेंद्र प्रताप, रामउद्गार तिवारी व यदु नंदन ठाकुर शामिल हैं.
गायघाट के बोआरडीह पंचायत के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी देवेंद्र प्रताप पर सूखा राहत वितरण में चार व्यक्तियों को बगैर नि:सहाय होने के प्रमाण पत्र देते हुए राशि दी गयी. यही नहीं, एक ही परिवार के पति-पत्नी को राहत की राशि दी गयी. लदौर पंचायत के राजस्व कर्मचारी रामउद्गार तिवारी पर सेवानिवृत्त कर्मचारी पर सूखा राहत की राशि मुहैया करने का आरोप सही पाया गया है. जांता पंचायत के राजस्व कर्मचारी यदुनंदन ठाकुर पर 60 वर्ष से कम उम्र के लाभुकों को सूखा राहत दिया गया. जबकि इनके निराश्रित होने का कोई कारण नहीं दर्शाया गया है. श्री ठाकुर 2013 में ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं. सूखा वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आने पर जिला स्तर से टीम गठित कर मामले की जांच करायी गयी थी. इसमें इन सभी राजस्व कर्मचारी को दोषी पाया गया था.