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नवरुणा कांड: न्याय के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट जायेंगे अतुल्य दंपति

मुजफ्फरपुर: नवरुणा कांड में न्याय मिलने में देरी होने पर अतुल्य दंपति जुलाई माह में सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. उनका कहना था कि लगभग सोलह माह से सीबीआइ केस की जांच कर रही है. अब तक उन्हें धैर्य रखने को ही कहा जा रहा है. यह कांड पुलिस व भूमि माफिया गठजोड़ का नतीजा है.इसमें कई […]

मुजफ्फरपुर: नवरुणा कांड में न्याय मिलने में देरी होने पर अतुल्य दंपति जुलाई माह में सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. उनका कहना था कि लगभग सोलह माह से सीबीआइ केस की जांच कर रही है. अब तक उन्हें धैर्य रखने को ही कहा जा रहा है. यह कांड पुलिस व भूमि माफिया गठजोड़ का नतीजा है.इसमें कई बड़े लोग शामिल है. उन्हें लगता है कि इसी कारण न्याय मिलने में देरी हो रही है. सीबीआइ भी इस कांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कर रही है. उनलोगों को केस के प्रगति के बारे में कुछ पता नहीं चल पाता है. इसलिए वे कोर्ट खुलने के बाद न्याय की गुहार लगायेंगे.
इसके पूर्व सोमवार की सुबह साढ़े दस बजे के आसपास सीबीआइ की टीम उनके घर पहुंची. आइओ रौनक कुमार के साथ दो अन्य कर्मी भी थे. लगभग एक घंटे तक रहने के दौरान दोनों पति-पत्नी से सीबीआइ ने अलग-अलग मुलाकात की. इस दौरान दोनों से कई जानकारियां ली.
कई का होगा पॉलिग्राफिक टेस्ट
सीबीआइ नवरुणा कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए कई और लोगों का पॉलिग्राफिक टेस्ट करा सकती है. बताया जाता है कि अब तक सीबीआइ को यह सुराग नहीं मिल पाया है कि अपहरण के बाद नवरुणा को कहां छिपा कर रखा गया था. इस सवाल के तलाश में सीबीआइ की टीम जुटी है. हालांकि सीबीआइ के अधिकारियों का कहना है कि कई कोण से जांच की जा रही है. जरूरत पड़ने पर फिर से वैज्ञानिक जांच भी हो सकती है.
किसके कहने पर दर्ज हुई थी कन्हाई के हत्या की प्राथमिकी ?
कन्हाई हत्याकांड की प्राथमिकी किसके कहने पर दर्ज की गयी थी.इस बिंदु पर भी सीबीआइ जांच कर रही है. छानबीन में पता चला है कि मृतक की पत्नी ने प्राथमिकी में राजेश महतो व विजय सिंह की जगह दूसरे लोगों के घटना में शामिल होने की बात पुलिस को बतायी थी. लेकिन उनलोगों को अभियुक्त नहीं बना कर इन दोनों को आरोपित कर दिया गया.

यहीं नहीं, प्राथमिकी दर्ज होने के अठारह माह बाद भी नगर पुलिस ने जान-बूझ कर कोई कार्रवाई नहीं की. दिसंबर 2013 में ही कन्हाई पटेल को दीपक सिनेमा रोड में गोली मार कर जख्मी कर दिया गया था. पटना में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. इस मामले में राजेश महतो उर्फ हनुमान व विजय सिंह को नामजद करते हुए कई अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद इस कांड के आइओ बने थे. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अठारह माह तक केस का अनुसंधान लगभग बंद था.एक माह पूर्व सीबीआइ के एसपी ने एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र से मिल कर इस कांड का पर्यवेक्षण कराने का आग्रह किया था. छानबीन में पता चला कि अब तक इस केस का प्रभार हीं नहीं सौंपा गया है. कुछ दिन पूर्व केस का प्रभार नगर पुलिस को सौंपे जाने के बाद नगर डीएसपी ने कन्हाई के परिजनों से पूछताछ की थी.

लपेटे में आयेंगे कई पुलिसकर्मी
नवरुणा कांड में कई पुलिसकर्मियों की गरदन फंस सकती है. जांच के क्रम में उनके खिलाफ सीबीआइ को ठोस सबूत हाथ लग चुके है. यहीं नहीं, पॉलिग्राफिक टेस्ट के दौरान भी उनकी पोल खुल चुकी है. बताया जाता है कि एक पुलिस अधिकारी का टेस्ट के दौरान बार-बार बयान बदला है, जबकि दूसरे ने पॉलिग्राफिक टेस्ट के दौरान सीबीआइ अधिकारियों के पैर पकड़ लिये थे. वह जोर-जोर से रोने भी लगा था. दोनों को घटना के बारे में कई जानकारियां होने की बात कहीं जा रही है. जरूरत पड़ने पर दोनों से फिर से पूछताछ हो सकती है.

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