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एइएस पीडि़तों को अस्पताल लाने का नहीं मिल रहा किराया

सरकार के निर्देश के बावजूद अस्पताल प्रशासन नहीं दे रहा राशिअपने खर्चे से लोग बच्चे को अस्पताल लाने का चुका रहे किरायावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरएइएस से पीडि़त बच्चों को अस्पताल लेकर आने वाले अभिभावकों को लाने का किराया नहीं मिल रहा है. इतना ही नहीं, कुछ सरकारी एबुलेंस भी अस्पताल पहुंचाने के एवज में बच्चे के […]

सरकार के निर्देश के बावजूद अस्पताल प्रशासन नहीं दे रहा राशिअपने खर्चे से लोग बच्चे को अस्पताल लाने का चुका रहे किरायावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरएइएस से पीडि़त बच्चों को अस्पताल लेकर आने वाले अभिभावकों को लाने का किराया नहीं मिल रहा है. इतना ही नहीं, कुछ सरकारी एबुलेंस भी अस्पताल पहुंचाने के एवज में बच्चे के परिजनों से राशि ऐंठ रहें हैं. जबकि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का स्पष्ट निर्देश है कि सरकार की ओर से जिन सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की गयी है, वहां बच्चों के लाने का भाड़ा अविलंब अस्पताल प्रशासन को भुगतान करना है. पिछले वर्ष इसका पालन किया गया था, लेकिन इस बार पीडि़त बच्चे के परिजनों को कर्ज लेकर राशि चुकानी पड़ रही है. केजरीवाल अस्पताल में भरती मणिकपुर के डेढ़ वर्षीय रोहित के परिजन गांव से बच्चे को ऑटो पर लाये थे. इस एवज में उन्हें 300 का भुगतान करना पड़ा. लेकिन ये रुपये उन्हें अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं मिले. रोहित के दादा बसंत लाल सहनी ने कहा कि गांव के ही एक आदमी से कुछ रुपये कर्ज लेकर आये थे. पैसा नहीं रहता तो बच्चे का इलाज भी नहीं होता. एसकेएमसीएच में 20 मई को भरती हुए तीन वर्षीय राजा को उसके पिता हरि किशोर महतो सरकारी एबुलेंस से लाये थे. लेकिन एंबुलेंस चालक ने उनसे 200 रुपये लिये. किराया का भुगतान स्वास्थ्य विभाग को करना है. इसके लिए मैं केजरीवाल व एसकेएमसीएच प्रबंधन से बात करता हूं. पीडि़त बच्चे को अस्पताल लाने वाले परिजनों को लाने का किराया मिलेगा.डॉ ज्ञान भूषण, सिविल सर्जन

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