– इक्का-दुक्का शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य के लिए दिया आवेदनसंवाददाता, मुजफ्फरपुर शिक्षकों की हड़ताल के कारण बच्चों की पढ़ाई के साथ मैट्रिक परीक्षा के मूल्यांकन का कार्य फंस गया है. 15 अप्रैल से मूल्यांकन का कार्य शुरू होना था, लेकिन 20 दिन बित जाने के बाद भी किसी केंद्र पर मूल्यांकन नहीं शुरू हो सका. हालांकि हड़ताल के बाद शिक्षा विभाग की ओर से रिटायर शिक्षकों से मूल्यांकन कराने की योजना बनायी गयी थी. यह योजना भी जिला में पूरी तरह विफल साबित हुई है. इसके लिए विभाग की ओर से जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया था. साथ ही शिक्षा विभाग की ओर से विज्ञापन भी निकाला गया. लेकिन मूल्यांकन के लिए हाइ स्कूलों के रिटायर शिक्षकों का ना के बराबर आवेदन प्राप्त हुआ. जिला शिक्षा पदाधिकारी गणेश दत्त झा ने बताया कि तीन रिटायर शिक्षकों का आवेदन प्राप्त हुआ है. ऐसे में मूल्यांकन कार्य पूरा कराना संभव नहीं है. पिछले एक मई से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है. ऐसे में सभी हाइस्कूल व मूल्यांकन केंद्रों पर तालाबंदी कर दी गयी है. इस स्थिति में निर्धारित समय पर मैट्रिक का रिजल्ट निकल पाना संभव नहीं है. दूसरे राज्यों में एडमिशन लेना मुश्किल हड़ताल के कारण मैट्रिक का रिजल्ट अटक सकता है. रिजल्ट में विलंब होने के कारण दूसरे राज्यों के कॉलेजों में एडमिशन कराने में छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारियों पर भी असर पड़ेगा.
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जिले में रिटायर शिक्षक से मूल्यांकन कराने की योजना विफल
– इक्का-दुक्का शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य के लिए दिया आवेदनसंवाददाता, मुजफ्फरपुर शिक्षकों की हड़ताल के कारण बच्चों की पढ़ाई के साथ मैट्रिक परीक्षा के मूल्यांकन का कार्य फंस गया है. 15 अप्रैल से मूल्यांकन का कार्य शुरू होना था, लेकिन 20 दिन बित जाने के बाद भी किसी केंद्र पर मूल्यांकन नहीं शुरू हो सका. […]
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