औद्योगिक सलाहकार जनार्दन प्रसाद सिंह बीता रहे तंग जिंदगीसीएम से मांगी मदद कहा, उनके कंधे पर है भारी बोझ वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरएक वक्त था जब जूरन छपरा रोड नंबर तीन निवासी जेपी सिंह के यहां बड़े लोगों की भीड़ लगती थी. उद्योग लगाने की इच्छा रखने वाले लोग इनके पास आकर सलाह लेते थे. इनके मार्गदर्शन में लगे उद्योग अच्छी स्थिति में पैसा उगल रहे हैं. लेकिन, मार्गदर्शन करने वाले श्री सिंह पैसे-पैसे को मुहताज हैं. इन्हें रहने के लिए शहर क्या, गांव में भी अपना आशियाना नहीं है. उम्र के चौथे पड़ाव में इनकी जिंदगी तंगहाल बीत रही है. जनार्दन प्रसाद सिंह अपनी तंग स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत करा चुके हैं. लेकिन, इसका कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. राज्यसभा सांसद अनिल सहनी ने भी इनकी मदद के लिए सीएम को पत्र लिखा. लेकिन, अबतक सुनवाई नहीं हुई है. उम्र बीत गया, नहीं बन सका अपना आशियानासीएम को लिखे पत्र में डॉ सिंह ने कहा है कि उनकी आयु 82 वर्ष हो चुकी है. उनका मकान न तो शहर में है और नहीं गांव में है. उनके पुराने कंधों पर परिवार को बोझ है. जिम्मेवारी के बोझ तले दबे जा रहे हैं. उन्हें वित्तीय मदद की दरकार है. सीएम से 20 लाख रुपये की मांग की है ताकि अपना एक आशियाना बनाया जा सके. श्री सिंह ने कहा है कि उन्होंनेे अपनी पूरी जिंदगी इस कार्य के लिए समर्पित कर दिया. कभी किसी से पैसे की मांग नहीं की. उद्योग लगाने के इच्छुक लोगों ने जो कुछ दिया, उसे स्वीकार किया.
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50 से अधिक उद्योग खड़ा कराने वाले को अपना आशियाना नहीं
औद्योगिक सलाहकार जनार्दन प्रसाद सिंह बीता रहे तंग जिंदगीसीएम से मांगी मदद कहा, उनके कंधे पर है भारी बोझ वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरएक वक्त था जब जूरन छपरा रोड नंबर तीन निवासी जेपी सिंह के यहां बड़े लोगों की भीड़ लगती थी. उद्योग लगाने की इच्छा रखने वाले लोग इनके पास आकर सलाह लेते थे. इनके […]
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