फोटो :: विवि का लोगो- शुल्क को लेकर फंसा है पेच- विवि ने प्रति कॉपी पंद्रह सौ रुपये शुल्क किया है निर्धारित- सिंडिकेट व राजभवन से लेनी है मंजूरीमुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विवि में पिछले एक साल से छात्र-छात्राएं परीक्षा की कॉपी प्रतिलिपि पाने की उम्मीद पाले हुए हैं. इसके लिए दर्जनों आवेदन भी पड़ चुके हैं. लेकिन विवि प्रशासन इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है. दरअसल कॉपी के दर को लेकर पेच फंसा हुआ है. शुरुआत में विवि प्रशासन ने प्रति कॉपी दो हजार रुपये शुल्क तय किये थे. इसको लेकर जब विवाद शुरू हुआ तो आनन-फानन में आदेश वापस ले लिया गया व शुल्क निर्धारण के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया. लंबे जद्दोजहद के बाद परीक्षा बोर्ड ने इसके लिए पंद्रह सौ शुल्क निर्धारित किया. हालांकि इसे आरटीआइ से अलग करने का फैसला लिया गया. इसे लागू करने से पूर्व सिंडिकेट व राजभवन की मंजूरी भी ली जानी है. गत पंद्रह अप्रैल को सिंडिकेट की बैठक भी हुई. लेकिन इस प्रस्ताव को शामिल नहीं किया गया. ऐसे में हाल-फिलहाल छात्रों को परीक्षा की कॉपी प्राप्त करने की आस पूरी होती नहीं दिखायी दे रही है. कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भूलवश यह प्रस्ताव सिंडिकेट में नहीं पेश हो सका. जल्द ही इसके लिए पहल की जायेगी.
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परीक्षा की कॉपी छात्रों को नहीं देना चाहती विवि!
फोटो :: विवि का लोगो- शुल्क को लेकर फंसा है पेच- विवि ने प्रति कॉपी पंद्रह सौ रुपये शुल्क किया है निर्धारित- सिंडिकेट व राजभवन से लेनी है मंजूरीमुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विवि में पिछले एक साल से छात्र-छात्राएं परीक्षा की कॉपी प्रतिलिपि पाने की उम्मीद पाले हुए हैं. इसके लिए दर्जनों आवेदन भी पड़ चुके […]
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