साहेबगंज: तीन लीटर वाले प्रेशर कुकर को बम का रूप देकर दो फिट मिट्टी के अंदर छुपा दिया गया था. मिट्टी के अंदर डालने के बाद विस्फोट के लिए तार बाहर निकला था. पॉकलेन मशीन से मिट्टी की खुदाई हो रही थी. काम में लगे मजदूरों को पहले तो लगा कि सोना-चांदी या सिक्का का घड़ा मिल गया है.
कुछ मजदूर उसे हथौड़ा से तोड़ने का प्रयास करने लगे. इस बीच वहां से गुजर रहे एक सैप जवान की नजर उस पर पड़ी. सैप जवान ने मजदूरों को सचेत करते हुए कहा कि यह बम है. यह सुनते ही मजदूरों के होश उड़ गए. सभी मजदूर इधर, उधर भागने लगे. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष दिनेश कुमार यादव दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना देने के साथ ही बम निरोधक दस्ता को मौके पर बुलाया.
दस गांव के लोगों ने सुनी आवाज. प्रेशर कुकर बम को निष्क्रिय करने के लिए विस्फोट कराया गया. बताया जाता है कि बम की आवाज दस गांव के लोगों ने सुनी. नक्सलियों ने काफी शक्तिशाली बम सड़क के नीचे लगाया था. अहियापुर पुलिस के हत्थे चढ़े नक्सली सुनील ने भी इस बात का खुलासा किया है. जिस जगह से बम बरामद किया गया है. वहां पर पुलिस की भी नजर नहीं थी.
कहां गया तीसरा बम. नक्सली सुनील ने खुलासा किया है कि साहेबगंज में तीन प्रेशर कुकर बम लगाया गया है. दो बम का पुलिस ने बरामद कर लिया है, लेकिन एक बम का पता नहीं चल पा रहा है. पुलिस टीम तीसरे बम को बरामद करने के लिए प्रयासरत है.
रोशन जी ने लगाया था प्रेशर बम
पांच मार्च को पूर्वी चंपारण जिले के राजेपुर से गिरफ्तार माओवादी संगठन का सब जोनल कमांडर मुनचुन साह उर्फ रोशन जी ने एएसपी अभियान राणा ब्रजेश को निशाना बनाने के लिए बंगरा घाट में बम लगाये थे. पकड़े जाने के बाद उसने इस बात का खुलासा किया था. लेकिन पुलिस के सख्ती बरतने के बाद भी उसने ठिकाना बताने से इनकार कर दिया था. दिसंबर माह में साहेबगंज में सड़क निर्माण कंपनी एसपी सिंघला के बेस कैंप पर हमला के बाद पुलिसिया कार्रवाई से आक्रोशित होकर उसने एएसपी अभियान पर अटैक करने का प्लान बनाया था़ उसने एएसपी को धमकी भी दी थी़ वह सड़क में आइइडी का इस्तेमाल कर घटना को अंजाम देने के फिराक में था. लेकिन उसके पहले ही पुलिस के हत्थे गया . वह आइइडी लगाने का एक्सपर्ट भी है. सोलह साल की उम्र में ही उसने झारखंड से ट्रेनिंग ली थी.