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रणक्षेत्र बना एस्सेल का माड़ीपुर कार्यालय, तोड़फोड़

मुजफ्फरपुर: माड़ीपुर स्थित एस्सेल का कार्यालय रविवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. बकाया वेतन का पैसा नहीं मिलने से आक्रोशित कर्मियों ने फेबकॉन व माइक्रो इलेक्ट्रोटेक कंपनी के अधिकारियों को बंधक बना जमकर हंगामा किया. इसी हंगामे में कार का शीशा टूट गया. कंपनी के अधिकारियों ने 14 जून को वेतन का पैसा देने […]

मुजफ्फरपुर: माड़ीपुर स्थित एस्सेल का कार्यालय रविवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. बकाया वेतन का पैसा नहीं मिलने से आक्रोशित कर्मियों ने फेबकॉन व माइक्रो इलेक्ट्रोटेक कंपनी के अधिकारियों को बंधक बना जमकर हंगामा किया. इसी हंगामे में कार का शीशा टूट गया. कंपनी के अधिकारियों ने 14 जून को वेतन का पैसा देने का लिखित आश्वासन दिया. कर्मचारियों ने बंधक बने कर्मियों को मुक्त कर दिया.
आंदोलन कर रहे लाइनमैन व बिजली का कनेक्शन काटने वाले कर्मियों का आरोप है कि उनका बकाया भुगतान किये बिना ही काम से हटा दिया गया. जबकि कंपनी यहां से बोरिया विस्तर समेट चुकी है. 150 कर्मचारी सड़क पर हैं. इधर, एस्सेल ने इन कर्मियों से पल्ला झाड़ लिया है. रविवार को माइक्रोटेक के अधिकारी मजहर नुमानी ने बिजली कनेक्शन काटने वाले कर्मियों को पैसा भुगतान के लिए बुलाया था. इन्हें एमपी सिंह साइंस कॉलेज के नजदीक साईं फर्निचर में पैसा देने की बात तय थी, लेकिन पैसा वितरण की सूचना सनसनी की तरह फैल गई.
आनन-फानन में सारे लाइन मैन भी यहां पहुंच गये. इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने पैसा वितरण से मना कर दिया. कार को सड़क पर ही छोड़ झांसा देकर बाइक से पटना मार्ग से भाग निकले. इसके बाद कर्मियों ने पीछा करना शुरू कर दिया. अधिकारी तो भाग निकले लेकिन इनके कार को कर्मियों ने पीछा कर घेर लिया. इसे माड़ीपुर स्थित एस्सेल कार्यालय में ले गये. इस दौरान कार का शीशा भी टूट गया.
कंपनी के मैनेजर मो जहांगीर, मो परवेज व चालक को बंधक बना लिया. लोग मारपीट पर उतारू हो गये. इस बीच इसकी जानकारी मजहर नुमानी को दी गई. करीब साढ़े चार बजे मजहर नुमानी एस्सेल कार्यालय पहुंचा. कर्मियों से वार्ता हुई. अधिकारियों ने 14 जून को भुगतान का आश्वासन दिया. कार का शीशा टूटने के आरोप से भी कर्मियों को मुक्त किया.
गायब एक लाख रुपये भी मिल जाने का लिखित आश्वासन कर्मियों ने लिया. इसके बाद मामला शांत हुआ. इससे पूर्व कर्मचारी व कंपनी के अधिकारी दोनों ने एक दूसरे पर कार तोड़ने का आरोप लगा रहे थे. कर्मचारियों का कहना है कि सभी लोगों को मिलाकर 12 से 13 लाख रुपये बाकी है. यह सब रविवार को 11 बजे से ही शुरू हो गया था.
एस्सेल के पीआरओ आसिफ मसूद ने दावा किया है कि माइक्रोइलेक्ट्रोटेक कंपनी व फेबकॉन का करार समाप्त है. इस आंदोलन से एस्सेल का कोई वास्ता नहीं है.

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