मुजफ्फरपुर: एमआइटी में छात्राओं के साथ हुई छेड़खानी के मामले में कॉलेज की अनुशासन समिति ने फैसला एक सप्ताह के लिए टाल दिया है. ऐसा आरोपित दो छात्रों के परिजनों के नहीं आने के कारण हुआ है. बुधवार को समिति के समक्ष सभी छह आरोपित छात्रों के परिजनों को अपना पक्ष रखना था. मगर चार छात्रों के परिजनों ने ही अपना पक्ष रखा.
सभी ने अपने बच्चों को मामले में बेकसूर बताया. इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन के द्वितीय वर्ष के छात्र राजकुमार के पिता ने तो बजाप्ते अपने गांव के मुखिया द्वारा लिखा एक पत्र समिति के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें घटना के दिन (09 अगस्त 2013) को राजकुमार के गांव में रहने की बात कही गयी थी. अनुशासन समिति ने बांकी बचे दो छात्रों के परिजनों को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया है. इस संबंध में उन्हें स्मार पत्र भी भेजा गया है. यही नहीं अगली अनुशासन समिति की बैठक में पीड़ित छात्राओं का भी पक्ष सुना जायेगा.
क्या है मामला
गत 09 अगस्त की देर रात एमआइटी कॉलेज के आधा दर्जन छात्रों ने हॉस्टल में रह रही छात्रओं के साथ गाली-गलौज, छेड़खानी, र्दुव्यवहार किया. इस मामले में दो दर्जन से अधिक छात्रओं ने कॉलेज के वर्ष 2011 बैच के छह छात्रों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की. आरोपित छात्रों में अभिनव (सिविल इंजीनियरिंग), राजकुमार (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन), आलोक कुमार (आइटी), सूरज (सिविल इंजीनियरिंग), जयंत (आइटी) व आनंद रमण (सिविल इंजीनियरिंग) शामिल थे. छात्रओं ने इनके खिलाफ मेंटल रेप का भी आरोप लगाया था. छात्रओं की शिकायत पर ब्रrापुरा थाना में धारा 354, 376, 571 व 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है.