मुजफ्फरपुर: बागमती बांध परियोजना के अंतर्गत विस्थापित 55 गांवों के ग्रामीणों के मुआवजा भुगतान व पुनर्वास में हो रही देरी पर डीएम अनुपम कुमार ने नाराजगी जतायी है. मंगलवार को पुनर्वास व मुआवजा के समीक्षा के दौरान डीएम ने कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी. कार्य के निष्पादन में शिथिलता बरतने के कारण सरकार की महत्वपूर्ण योजना पर प्रश्न चिह्न् खड़ा हो गया है. उन्होंने विस्थापित परिवारों को मुआवजा व पुनर्वास की व्यवस्था जल्द कराने के लिए सभी 55 गांव की कार्ययोजना तैयार करने को कहा है.
डीएम ने शिड्यूल की प्रति ग्रामीणों को भी उपलब्ध कराने को कहा है. ताकि, विस्थापित लोगों को इस बात की जानकारी हो कि उनके गांव के मुआवजा व पुनर्वास कार्य की प्रगति क्या है. निर्धारित शिड्यूल के अनुसार कार्य हो रहा है. इसके साथ ही विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी को सितंबर के अंत तक शेष बचे 17 गांव के ग्रामीणों को भूमि मय सहन मकान के अधिग्रहण की नोटिस तामील कराने के निर्देश दिये गये हैं. इसकी समीक्षा अपर समाहर्ता व प्रोबेशन आइएस पदाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा करेंगे.
39 गांवों का हुआ अधिग्रहण
समीक्षा के दौरान विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी ने बताया कि विभाग से 39 गांव के भू-अजर्न का प्रस्ताव कार्यपालक अभियंता बागमती परियोजना भेजा गया है. उसमें 22 गांवों में धारा 4 के तहत कार्रवाई की जा चुकी है. आठ गांवों के कल्याणी, कांटा पिरौछा, भगवानपुर, लोहरा गांव का सर्वेक्षण नहीं होने की बात बतायी गयी. जबकि मिश्रौलिया, रामपट्टी तुर्क टोलिया एवं केवटसा में सर्वेक्षण कार्य किया गया है. लेकिन मूल ग्रामीण नक्शा की अनुपलब्धता के कारण आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है. नक्शा के लिए गुलजार बाग प्रिटिंग प्रेस पटना से संपर्क किया गया है. बागमती परियोजना के विस्थापित को 20 प्रतिशत भुगतान नहीं किये जाने पर डीएम ने विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी को अविलंब भुगतान कराने को कहा है. बताया गया है कि बेनीपुर, जीवाजोर सहित अन्य गांव के लोगों को भुगतान के तीन वर्ष बाद भी 20 प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं किया गया है. इससे लाभुकों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है.