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अजीजपुर कांड सोची समझी साजिश का नतीजा

मुजफ्फरपुर: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने कहा है कि अजीजपुर कांड सोची-समझी साजिश का परिणाम है. इसे सांप्रदायिक दंगा कहने से इनकार नहीं किया जा सकता. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सूझबूझ के बड़ी घटना होने से बची. प्रशासन ने अच्छा काम किया है. जिन लोगों को क्षति पहुंचायी गयी है, उन्हें राहत […]

मुजफ्फरपुर: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने कहा है कि अजीजपुर कांड सोची-समझी साजिश का परिणाम है. इसे सांप्रदायिक दंगा कहने से इनकार नहीं किया जा सकता. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सूझबूझ के बड़ी घटना होने से बची. प्रशासन ने अच्छा काम किया है. जिन लोगों को क्षति पहुंचायी गयी है, उन्हें राहत दी गयी, लेकिन कुछ और राहत मिलनी चाहिए, नुकसान बहुत हुआ है. मुआयना करने के बाद सर्किट हाउस में टीम ने प्रमंडलीय आयुक्त, आइजी, डीएम व एसएसपी के साथ एमएसडीपी व 15 सूत्री कार्यक्रमों की समीक्षा की.

इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कैप्टन दावत ने कहा कि हम लोग भारतेंदु सहनी के घर भी गये थे. वहां उसके घरवालों ने बताया कि निदरेष लोगों को भी केस में फंसा दिया गया है. इस पर मैंने पुलिस प्रशासन से कहा है कि घटना में किसी निदरेष को सजा नहीं मिलनी चाहिए. अब तक प्रशासनिक कार्रवाई पर संतोष जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि गांव में अब शांति है. भय का माहौल नहीं है. घटना के दिन एक बुजुर्ग महिला शैल देवी ने 11 लोगों की जान बचायी, यह बड़ी बात है.

इसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अच्छे काम को भी पुरस्कार मिलना चाहिए. इसके लिए राज्य एवं केंद्र सरकार को अनुशंसा की जायेगी. मुख्यमंत्री से मिलकर पीड़ितों को कम से कम पचास हजार रुपये और अनुदान देने की अनुशंसा की जायेगी.
एमएसडीपी एवं 15 सूत्री कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में उन्होंने कहा कि यहां संतोषजनक काम हो रहा है. वहीं डॉ अजायब सिंह ने कहा कि इन दोनों योजनाओं की सफलता के लिए थोड़ी और जागरूकता चलानी चाहिए.

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