मुजफ्फरपुर: हाइकोर्ट के 72 घंटे के अल्टीमेटम के बाद जलजमाव की समस्या को लेकर नगर निगम प्रशासन हरकत में आ गया है. शनिवार को नगर आयुक्त सीता चौधरी के साथ निगम की टीम सिकंदरपुर स्थित कमल कुमार सिंह लेन पहुंची. टीम मोहल्ले की हालत देख भौंचक रह गयी. नाला तो था, लेकिन अंतिम छोर पर जा कर बंद हो गया था. इसके कारण पानी निकासी का कोई रास्ता ही नहीं था.
वार्ड-पार्षद रामनाथ प्रसाद गुप्ता व स्थानीय लोगों के साथ आयुक्त ने एक घंटे तक मोहल्ले के चारों ओर निरीक्षण किया. इसके बावजूद जल निकासी को लेकर निगम प्रशासन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सका. हालांकि नगर आयुक्त ने तत्काल मोहल्ले के नाला की सफाई करने का निर्देश दिया है.
पानी निकासी में बाधा
जल निकासी में हो रही परेशानी के पीछे अतिक्रमण का मामला सामने आया है. नगर आयुक्त ने स्थल निरीक्षण करने के बाद बताया कि कुछ लोगों ने सड़क व नाले की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है. इसके कारण मोहल्ले से निकलने वाले नाले का रास्ता बंद हो चुका है. इसकी अविलंब जांच शुरू करा कर कार्रवाई की जायेगी.
मोहल्ले की होगी मापी
मोहल्ले से नाला का रास्ता निकालने के लिए नगर निगम प्रशासन की ओर से अमीन की बहाली कर दी गयी है. नगर आयुक्त ने बताया कि मोहल्ले में जगह का अतिक्रमण कर निर्माण भी कराया गया है. इसकी जांच के लिए अमीन को बहाल किया गया है. जगह की मापी के बाद आगे की कार्रवाई होगी. रिपोर्ट हाइकोर्ट में भी भेजी जायेगी.
क्या था मामला
वार्ड-13 के अखाड़ाघाट रोड कमल कुमार सिंह लेन निवासी सुदामा प्रसाद सिंह व राजनंदन कुंवर ने मोहल्ले से जल निकासी नहीं होने पर हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें बिहार सरकार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव, डीएम व नगर आयुक्त को परिवादी बनाया था. वादी ने बताया था कि मोहल्ले में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. जो नाला है उसकी निकासी का रास्ता दोनों तरफ से बंद है. विगत गुरुवार को सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने नगर निगम प्रशासन को जल निकासी की समस्या के समाधान के लिए 72 घंटे का समय दिया था.