मुजफ्फरपुर: शहर की ट्रैफिक को पटरी पर लाने के लिए दादर पुलिस लाइन से टावर को नयी सड़क से जोड़ने का प्लान कागजी तौर पर जितना आसान दिख रहा हो, उतना ही सड़क निर्माण में बाधा है.
इसका मूल कारण सिकंदरपुर मन की जमीन पर अतिक्रमणकारियों की मनमानी है. विशेष रू प से मुजफ्फरपुर क्लब के पीछे से आगे तरफ बढ़ने पर(योगिया मठ )के पास खास महाल का अधिकांश जमीन भू- माफिया के चंगुल में फंसा हुआ है.
अंचल कर्मियों की मिलीभगत से करोड़ो रुपये की सरकारी जमीन पर कुछ खास लोगों का कब्जा है. इस भूमि पर अवैध पक्का व कच्चा मकान का निर्माण भी हो चुका है. हैरत में डालने वाली बात यह है इन सरकारी जमीन पर बने मकान पर निगम ने होल्डिंग भी कायम कर दिया है. टैक्स भी वसूला गया है. हालांकि फिलहाल मामला उजागर होने पर होल्डिंग रद्द कर जांच की जा रही है. सड़क निर्माण के लिए प्रशासन को करबला से लेकर यूवी टावर के बीच के अतिक्रमण को सख्ती से खाली कराना होगा. दो साल पहले भी सड़क निर्माण को लेकर कवायद हुई थी. डीएम के आदेश पर अपर समाहर्ता ने अतिक्रमण खाली कराने के लिए अधिकारियों की टीम बनायी थी, लेकिन अतिक्रमण हटाना तो दूर अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण तक नहीं किया.
दाखिल खारिज रद्द के बाद भी कार्रवाई नहीं
सरकारी जमीन की जाली कागज तैयार करने वाले सात लोगों का दाखिल खारिज डेढ़ साल पहले रद्द भी कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद उक्त भूमि से अतिक्रमण खाली नहीं हुआ. प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती करबला से लेकर यूबी टावर के बीच में अवैध रू प से सरकारी जमीन पर से बने मकान को हटाना होगा. विशेष रू प से मुजफ्फरपुर क्लब के पीछे से आगे बढ़ने पर भूमाफियाओं के चंगुल में खास महाल का अधिकांश जमीन है. मनमाने तरीके से सड़क का निर्माण भी कर लिया गया है.
यातायात के लिए होगा वरदान
दादर(पुलिस लाइन) से मन किनारे होते सरैयागंज टावर तक सड़क का निर्माण अगर हो जाता है तो यह यातायात के लिए वरदान साबित होगा. इससे लक्ष्मी चौक, ब्रrापुरा, महेश बाबू चौक, जूरन छपरा व कंपनी बाग की भीड़ काफी कम जायेगी. विधि व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी सड़क कारगर होगा. इस सड़क को अगर चिकित्सा मंडी जूरन छपरा के सभी गली से जोड़ दिया जाता है तो इस इलाके का लुक भी बदल जायेगा.