मुजफ्फरपुर : अजीजपुर के बच्चों को जब किताबें मिलीं, तो उनके चेहरे खिल गये. इस खुशी वो रोक नहीं पा रहे थे. किताबें लेकर घर की ओर गये, तो चहक रहे थे. इन बच्चों की किताबें उपद्रवियों के कारनामे की भेंट चढ़ गयी थीं.
आगजनी के दौरान किताबें जल गयीं. इसके बाद से बच्चों की पढ़ाई बंद हो गयी थी. बच्चे मायूस हो गये थे. गुरुवार को जब प्रभात खबर ने बच्चों से बात की, तो उन्होंने किताबें नहीं होने की बातें कहीं और कहा कि पढ़ाई में परेशानी हो रही है. शुक्रवार को बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से अजीजपुर गांव में कैंप लगाया गया. इसमें एक से आठ कक्षा तक की किताबें थीं.
घरों में संदेश भेज कर बच्चों को किताबों के लिये बुलाया गया, तो उनके चेहरे खिल गये. एक-एक करके 60 बच्चों को किताबें दी गयी. कैंप में जिला शिक्षा पदाधिकारी गणोश दत्त झा मौजूद थे. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से कुल 60 बच्चों को किताबें दी गयीं.
मोहम्मद शाहिद व मोहरुन्निशां को भी किताबें मिलीं, तो इनकी आंखों की चमक देखनेवाली थी. कक्षा छह में पढ़नेवाले मेराज अली व रेयाज असलम को भी किताबें मिली. इन बच्चों ने कहा था कि शुक्रवार से स्कूल खुल रहा है, लेकिन हमारे पास किताबें नहीं हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि हम बिना शुल्क लिये बच्चों को किताबें दे रहे हैं. कार्यक्रम पदाधिकारी जियाउल होदा खां ने बताया कि शनिवार को भी कैंप लगेगा. जरूरतमंद बच्चे कैंप से पुस्तक प्राप्त कर सकते हैं.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्थानीय हाइस्कूल के प्राचार्य को निर्देश दिया कि घटना से प्रभावित जिन बच्चों के पास कागजात नहीं हैं, उनका मैट्रिक का फॉर्म बिना किसी आपत्ति के भरा जाये. कैंप के दौरान डीपीओ लेखा एवं योजना कैलाश कुमारी व कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा उपस्थित थे.