फोटो ::मुजफ्फरपुर.अजीजपुर की रहने वाली विधवा शैल देवी के लिए बुधवार का दिन खास था. आधा दर्जन कैमरे की फ्लैश रू क-रू क कर उसके चेहरे पर चमक रही थी. टीवी चैनल वाले उसका इंटरव्यू लेने में जुटे थे. लोगों की भीड़ बस उसे ही निहार रही थी. चंद दिनों पूर्व तक अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ एकांत में जीवन व्यतीत कर रही शैल देवी को सहसा इस पर विश्वास ही नहीं हो रहा था. कुछ देर तक अपने घर के बाहर वह मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देती रही. लेकिन अचानक वह अपने घर में घुस गयी. दरवाजा बंद कर लिया और फूट-फूट कर रोने लगी. कुछ देर तक लोगों को कुछ समझ नहीं आया. लेकिन अचानक शैल देवी की घर के अंदर से आवाज आयी, न, न, हम अब न बतियाएम. सब हम्मर पैसा छिन लेत. इसके बाद लोगों को माजरा समझ में आया. दरअसल 18 जनवरी की दोपहर जब पूरा अजीजपुर गांव हिंसाग्रस्त था, तब मो रफीक के परिवार के दस सदस्य अपनी जान बचाने के लिए शैल देवी के घर पर पहुंचा. शैल देवी ने उन सभी को अपने घर में पनाह दी. इसके कारण उन सभी की जान बच पायी. बुधवार को मुख्यमंत्री घटनास्थल का दौरा करने आये, तो उन्हें इसकी जानकारी मिली. उन्होंने न सिर्फ शैल देवी को सम्मानित किया, बल्कि कुल 91,000 रुपये का चेक भी दिया. शैल देवी इतनी राशि पाकर चिंतित हो गयी. उसे भय था कि लोग कहीं उसका पैसा न ले ले. सो उसने वह चेक गांव के ही डीलर विश्वनाथ ठाकुर को दे दी. ताकि वे उसे बैंक में जमा करा दे. मीडिया कर्मी जब बार-बार उससे बातचीत के लिए बाहर आने को कह रहे थे, तो उसके मन में डर था कि वे उसका चेक लेने के लिए ही बुला रहे हैं.
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दरवाजा बंद कर, फूट-फूट कर रोने लगी शैल देवी
फोटो ::मुजफ्फरपुर.अजीजपुर की रहने वाली विधवा शैल देवी के लिए बुधवार का दिन खास था. आधा दर्जन कैमरे की फ्लैश रू क-रू क कर उसके चेहरे पर चमक रही थी. टीवी चैनल वाले उसका इंटरव्यू लेने में जुटे थे. लोगों की भीड़ बस उसे ही निहार रही थी. चंद दिनों पूर्व तक अपनी दो नाबालिग […]
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