मुजफ्फरपुर: स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में विवि प्रशासन फिलहाल कार्रवाई करने के मूड में नहीं है. शायद यही कारण है कि घटना के छह दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक मामले की जांच भी शुरू नहीं हुई है. 26 दिसंबर को कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी के गठन की घोषणा की थी.
इसमें कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, उप कुलसचिव प्रथम गुलजार राम, सीसीडीसी डॉ तारण राय, डॉ उपेंद्र मिश्र व डॉ सीपी शुक्ला शामिल हैं. कमेटी को पंद्रह दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी. हकीकत यह है कि घोषणा के छह दिन बाद भी सदस्यों को कमेटी में शामिल होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गयी है. अधिकारियों की मानें तो कुलपति डॉ पंडित पलांडे के वापस लौटने के बाद ही इसकी अधिसूचना जारी होगी. इधर, जांच कमेटी में शामिल सदस्यों का कहना है कि जब तक अधिसूचना जारी नहीं होती, जांच की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो सकती.
यह है मामला
स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा 26 दिसंबर को शुरू हुई थी. इसी दिन प्रथम पाली में वाणिज्य के पांचवें पेपर की परीक्षा हुई. लेकिन परीक्षा शुरू होने से एक दिन पूर्व 25 दिसंबर की दोपहर से ही प्रश्न पत्र बाजार में बिकने शुरू हो गये थे. मामले का खुलासा होने पर 26 दिसंबर की ही देर शाम वाणिज्य के पांचवें पेपर की परीक्षा रद्द कर दी गयी. वहीं मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी की घोषणा की गयी.
प्राचार्य व वरीय अधिकारी पर भी आंच
जानकारी के अनुसार, प्रश्न पत्र लीक होने की घटना के तार शहर स्थित एक महिला कॉलेज से जुड़े हुए हैं. यहां के एक कर्मचारी की संलिप्तता की बात भी बतायी जा रही है. हालांकि इस घटना में विवि के एक वरीय अधिकारी व कॉलेज के प्राचार्य की भूमिका पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. दरअसल, पार्ट थर्ड क ी परीक्षा में आखिरी समय तक फॉर्म भराने का सिलसिला जारी रहने के कारण अधिकांश केंद्रों पर प्रश्न पत्र की संख्या घट रही है. इसकी पूर्ति के लिए प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी निकाल कर की जा रही है. 26 दिसंबर को परीक्षा शुरू होने से एक दिन पूर्व प्राचार्य ने प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी करवाने के लिए विवि के एक वरीय अधिकारी से अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. विवि ने खुद प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी केंद्र पर ठीक परीक्षा से पूर्व करने का निर्देश जारी किया था. वो भी दो लोगों की उपस्थिति में. ऐसे में प्राचार्य को परीक्षा से एक दिन पूर्व किस आधार पर प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी की अनुमति दी गयी, इस पर सवाल उठना लाजिमी है.