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डेढ़ साल में चार बार भाग चुका है सरोज

मुजफ्फरपुर: बाल बंदी सरोज कुमार का भागने का इतिहास पुराना है. जून 2014 में बाल बंदी सरोज को मुजफ्फरपुर रिमांड होम से पटना होम ट्रांसफर कर दिया गया था, जहां उसे दरभंगा किसी मामले में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था तो वह पुलिस कर्मियों के आंख में धुल झोंक कर फरार हो […]

मुजफ्फरपुर: बाल बंदी सरोज कुमार का भागने का इतिहास पुराना है. जून 2014 में बाल बंदी सरोज को मुजफ्फरपुर रिमांड होम से पटना होम ट्रांसफर कर दिया गया था, जहां उसे दरभंगा किसी मामले में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था तो वह पुलिस कर्मियों के आंख में धुल झोंक कर फरार हो गया.

करीब डेढ़ साल तक बाल बंदी सरोज मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर स्थित रिमांड होम में रहा. इस डेढ़ साल के बीच वह चार बार रिमांड होम से फरार हुआ. चौथी बार जब फरार होने के बाद उसे पकड़ा गया तो उसे कुछ दिन ही सिकंदरपुर रिमांड होम में रखा गया. इसके बाद उसे फिर पटना होम ट्रांसफर कर दिया गया है. जरा सी बात पर सरोज हंगामा करने लगता था. दूसरे बाल बंदियों को भी परेशान करता था. इतना ही नहीं, रिमांड होम के अंदर कार्यरत कर्मी भी इससे डरते थे. बाल बंदी सरोज के इसी आचरण के कारण सिकंदरपुर रिमांड होम से इसे पटना होम भेज ट्रांसफर किया गया था.

राजनेता के घर लेता था शरण

कई जिलों में वांछित सरोज ठाकुर मधुबनी में एक राजनेता के घर पर शरण लेता था. पुलिस को सूचना थी कि वह अक्सर राजनेता के घर को ही अपना ठिकाना बनाता है. सूचना मिलने के बाद बुधवार को पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए घेराबंदी की थी. एसपी के निर्देश पर डीएसपी सदर कामोद प्रसाद खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे.

तिहरे हत्याकांड को दिया था अंजाम

सरोज ठाकुर ने बख्तियारपुर में पिछले दिनों एक ही दिन में तीन लोगों की हत्या कर सनसनी फैला दिया था. इसने बख्तियारपुर के चर्चित गुंजन सिंह, बरोत सिंह व पप्पु सिंह की हत्या का आरोपी है. बताया जाता है कि तीनों की हत्या सरोज ने एक ही दिन व समय में किया. हत्या के पीछे आपसी रंजिश की बात कही जाती है. पुलिस की मानें तो उस समय भी सरोज की सरगरमी से तालाश हुई थी. पर वह फरार होने में सफल रहा था. इसके अलावे अशोक शाही व प्रसाद के हत्या में भी यह मुख्य आरोपी है.

नाम बदल रहता था सीतामढ़ी में

वह सीतामढ़ी शहर के चंदननगर में एक किराये के मकान में रहकर तमाम आपराधिक वारदातों को अंजाम देता था. बताया जाता है कि वह सीतामढ़ी में रहकर नेपाल के अपराधियों से भी संपर्क रखता था. कई आपराधिक वारदातों में वह नेपाल के अपराधियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था. वह सीतामढ़ी में कई डॉक्टरों से रंगदारी मांगने का भी आरोपी है.

मुखिया हत्याकांड का आरोपी है रामदयाल

बुधवार को पुलिस की स्पेशल टीम द्वारा खुटौना से गिरफ्तार किये गये रामदयाल यादव जिले पुलिस का लंबे समय से वांटेड रहा है. एसपी मो. रहमान ने बताया है कि रामदयाल यादव खुटौना थाना के झांझपट्टी डोमन गांव का रहने वाला है. यह हत्या, डकैती, लूट समेत राहजनी के कई मामलों में आरोपी है. इसने 21 फरवरी 2011 को फुलपरास थाना के कालापट्टी गांव में सिसवार पंचायत के मुखिया कृष्णानंद झा को गोली मारकर हत्या करने का आरोपी है. इसके खिलाफ फुलपरास थाना में कांड संख्यां 40/11 दर्ज है. पुलिस का मानना है कि रामदयाल शातिर अपराधियों को अपने घर बुलाकर बैंक डकैती की योजना बनाते समय खुटौना से पकड़ा गया. एसपी ने बताया है कि रामदयाल यादव के खिलाफ जिले के कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज है. सबसे अधिक खुटौना थाना में कांड संख्यां 76, 64/04, 20, 22, 23/09, 07/10, लौकहा थाना कांड संख्यां 07/04, फुलपरास थाना कांड संख्यां 40/11, 86/10, बाबूबरही थाना कांड संख्यां 153/05 तथा विश्वविद्यालय थाना दरभंगा कांड संख्या 116/10 में यह पुलिस का वांछित रहा है.

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