मुजफ्फरपुर: रमजान के पाक महीने में रोजेदार अल्लाह की इबादत कर रहे हैं, लेकिन मधुमेह व ब्लड प्रेशर के मरीजों के समक्ष यह समस्या है कि वह सेहरी में किन चीजों का इस्तेमाल करें.हाल ही में दिल्ली में हुए एक रिसर्च से यह पता चला है कि रोजदारों में हाइपोग्लासिमिया (रक्त में शर्करा की मात्र 70 एमजी/डीएल से कम) की शिकायत अधिक देखी गयी.
बताया गया है कि सेहरी व इफ्तार में चाय या कॉफी के बजाय अधिक मात्र में पानी या सोडियम पोटेशियम (शिकंजी) का सेवन लंबे समय तक पानी की कमी नहीं होने देता. पानी की अधिकता के साथ सेहरी में स्टार्च युक्त काबरेहाइड्रेट जैसे चावल, वनस्पति व साबुत अनाज का सेवन वजन को स्थिर बनाये रखता है. डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ ओम प्रकाश कहते हैं कि रोजेदारों के लिए अब शॉर्ट एक्टिव रेमो ग्लिसाइड दवाएं उपलब्ध हैं, जो इफ्तार के बाद तुरंत बढ़ने वाले ग्लूकोज स्तर को कुछ ही समय में नियंत्रित कर लेती है.
डॉ प्रकाश कहते हैं कि 70 फीसदी रोजेदारों में इफ्तार के वक्त ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. इससे दिल के दौरे का खतरा चार गुना बढ़ जाता है. बड़े शहरों में ऐसे रोजेदारों के लिए फूड माइडलाइन जारी किया गया है. डॉक्टर भी मरीजों को फूड माइडलाइन की जानकारी दे रहे हैं. शहर के डॉक्टर भी ऐसे मरीजों को गाइडलाइन के अनुसार सेहरी व इफ्तार में खाने पीने की चीजों के बारे में सलाह दे रहे हैं. डायबिटीज के टाइप वन व टू के मरीजों को इस मौके पर काफी सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है.