मुजफ्फरपुर : जिस सिकंदरपुर मन को लेकर प्रशासनिक अधिकारी से लेकर जन प्रतिनिधि तक बड़े–बड़े सपने पाले हैं. इसे शहर का गौरव बताते हैं और इसके सौंदर्यीकरण की बात करते हैं. उसी मन को मारने की तैयारी कर ली गयी है.
दरअसल, सिकंदरपुर से ब्रह्मपुरा के बीच बन रही सड़क में पुल का प्रस्ताव नहीं है. सड़क मन के बीच से गुजरती है. अब कुछ दूर ही सड़क का निर्माण शेष है, अगर पूरी सड़क बन गयी तो मन का संपर्क गंडक नदी से टूट जायेगा.
* क्यों नहीं बना पुल
वैसे कहा यह जा रहा है, पानी का रास्ता बहाल करने के लिए एक ह्यूम पाइप डाला गया है, लेकिन सवाल यह उठता है, क्या पाइप मन के नदी से संपर्क के लिए पर्याप्त है. इस सड़क के आगे एक संपर्क पथ है. उस पर बड़ा सा पुल बनाया गया है. ऐसे में इतनी बड़ी सड़क पर मन का पानी पास होने के लिए पुल नहीं बनाया जाना कई तरह के सवाल खड़े करता है?
* छह करोड़ की योजना
ब्रह्मपुरा के लिए सड़क की योजना छह करोड़ की है, जो छह धुर जमीन के लिए लटकी है. प्रशासन ने इस सड़क बनने से शहरवासियों को जिस फायदा की बात कर इसकी योजना बनायी. वह भी पूरा नही हुआ. जनता उस लाभ से वंचित है, लेकिन बूडी गंडक से इस मन को मिलने वाले पानी का सीधा संपर्क भी टूट गया. खानापूर्ति के लिए सड़क में एक जगह पर ह्यूम पाइप दिया गया. इस पाइप को बंद कर दिया गया है, जिससे मन का पानी पास होना भी बंद हो गयी है, जबकि इसकी क्षमता के अनुसार आरसीसी पुल बनना चाहिए था. बूढ़ी गंडक से संपर्क टूट जाने के कारण धीरे – धीरे यह ऐतिहासिक मन नाला में तब्दील हो जायेगा.
* सूख जायेगा मन
बूडी गंडक नदी से संपर्क भंग होने के साथ ही धीरे–धीरे यह ऐतिहासिक मन सूखने लगेगा. इससे इसके सौदर्यीकरण का सपना पाले शहरवासियों की उम्मीदें धरी की धरी रह जायेगी. मात्र कुछ हिस्सा शहर के नालों की पानी बहनेके लिए बच जायेगा. नीला दिखने वाला मन कूड़ा – कचरा व गंदगी से भर जायेगा.
* 50 गुना बढ़ी जमीन का कीमत
ब्रह्मपुरा सड़क बनने के साथ ही इसके आसपास की जमीन की कीमत आसमान छूने लगी. सड़क के उत्तरी क्षेत्र की प्लांटिग भी शुरु हो गयी. जमीन के कारोबार करने वाले लोग अधिक कीमत पर जमीन बेचने लगे. स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन साल पहले इस जमीन का कीमत मात्र चालीस हजार कट्टा था. अब उसकी कीमत 20 लाख रुपये का कट्टा हो गया है. जमीन के मूल्य 50 गुना अधिक की वृद्धि हो गयी है.
* ब्रह्मपुरा के लिए प्रस्तावित सड़क में पुल नहीं
* गंडक नदी से टूट जायेगा मन का संपर्क
* सड़क के बीच एक जगह केवल ह्यूम पाइप
* ह्यूम पाइप को कर दिया गया है बंद
* तालाब बन कर रह जायेगा शहर की शान
* क्षमता व जरुरत के हिसाब से खर्च को देखते हुए ह्यूम पाइप लगाया गया है. जिससे बूडी गंडक से पानी आने जाने में कठिनाई नहीं होगी.
राजीव रंजन प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग