मुजफ्फरपुर: नये साल से नगर-निगम कर्मचारियों को छठा वेतनमान देने के फैसले पर महापौर ने अड़ंगा लगा दिया है. एक सप्ताह से लंबित बोर्ड की बैठक से संबंधित प्रोसिडिंग पर मंगलवार को महापौर वर्षा सिंह ने कड़ी टिप्पणी के बाद हस्ताक्षर की. इस कारण कर्मचारियों को जनवरी 2015 से छठा वेतनमान मिलने पर संशय है.
15 दिसंबर को हुई बोर्ड की बैठक में लिये गये निर्णय से ही महापौर पीछे हट गयी हैं. उन्होंने कहा कि वे 31 दिसंबर तक कर्मचारियों के अब तक का बकाया भुगतान करने की बात कही थी. नये साल पर छठा वेतनमान देने की घोषणा नहीं की है. हालांकि, मेयर ने कहा कि पहले नगर आयुक्त से कुछ बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है. जवाब मिलने के बाद वे जल्द ही छठा वेतनमान देने की घोषणा करेंगी.
इस प्रकरण पर नगर विधायक व बोर्ड के मेंबर सुरेश शर्मा ने कहा कि यह सब साजिश है. कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है. जिसके बल-बूते पूरा निगम चल रहा है, उन्हीं कर्मचारियों को अपमानित किया जा रहा है. अगली बार होने वाली बोर्ड की बैठक में वे इसके खिलाफ आवाज उठायेंगे. आवश्यकता पड़ने पर इसकी शिकायत सरकार व विभाग से करेंगे.
आक्रोशित कर्मचारियों ने की नारेबाजी . मंगलवार को सुबह-सुबह जब कर्मचारियों को टिप्पणी के साथ संचिका लौटने की भनक लगी, तब कर्मचारी आक्रोशित हो उठे. अपने-अपने कार्यालय का कामकाज ठप कर नारेबाजी करते हुए निगम परिसर में निकल आये. करीब एक घंटे तक जम कर महापौर के खिलाफ नारेबाजी की. अपने कार्यालय कक्ष में बैठे नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा को जब कर्मचारियों के आक्रोशित होने की सूचना मिली, तब उन्होंने अपने चैंबर से बाहर निकल कर्मचारियों को समझाया-बुझाया.
बाद में उन्होंने कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल से मिल कर उनकी मांगों से महापौर को अवगत कराने की बात कही. इसका नेतृत्व नगर निगम कामगार यूनियन के अध्यक्ष रामेश्वर राय कर रहे थे.