मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर-बरौनी सड़क मार्ग में एनएच 28 पर मनियारी के पास बन रहे टॉल प्लाजा का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंच गया है.
भूमि के किस्म निर्धारण को लेकर आरटीआइ के तहत पीएम कार्यालय मांगी गयी सूचना के आलोक में पीएम कार्यालय के केंद्रीय लोक सूचना पदाधिकारी सैयद इकराम रिजवी ने मुख्य सचिव (बिहार सरकार) को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है. महंथ मनियारी के भूधारी सुशील कुमार इससे पूर्व भूमि के सही मूल्यांकन नहीं किये जाने की शिकायत मुख्यमंत्री, राज्यपाल व मानवाधिकार आयोग से भी कर चुके है.
क्या है भूधारी की आपत्ति. मनियारी गांव में एनएचएआइ की ओर से टॉल प्लाज निर्माण के लिए 3.85 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इसका मूल्यांकन भीट व धनहर से किया गया है. इस पर भूधारियों की आपत्ति है कि यह साठ साल पुरानी जमीन के किस्म के आधार पर किया गया, जबकि आज के समय में यह जमीन काफी विकसित हो चुकी है. अधिग्रहण की गयी जमीन के बगल में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं. जमीन के तीन सौ मीटर के दायरे में मनियारी बाजार, रेलवे स्टेशन व अस्पताल है. बिहार सरकार के निबंधन विभाग ने राज्य मार्ग व राजकीय मार्ग के किनारे की भूमि को व्यावसायिक किस्म में अधिसूचित कर दिया है. उसी आधार पर निबंधन के समय क्रेता से निबंधन शुल्क की वसूली होती है. इसी दर से ही किसानों को मुआवजा भी मिलना चाहिए. भू अर्जन विभाग स वर्तमान में जमीन की जो दर निर्धारित की गयी है, उससे किसानों को काफी कम मुआवजा मिलेगा. उन्हें काफी नुकसान होगा.
जांच टीम ने बताया विकासशील. अधिग्रहण किये गये जमीन के किस्म निर्धारण को लेकर आपत्ति किये जाने पर डीएम ने एक जांच कमेटी का गठन किया था. जिसमें एसडीओ पश्चिमी, डीसीएलआर पश्चिमी, रजिस्ट्रार व कुढ़नी सीओ को शामिल किया गया था. 11 फरवरी 2014 को टीम ने अपनी रिपोर्ट जमीन को विकासशील बताया था. लेकिन इसके बावजूद भूधारियों को उनकी जमीन की दर में वृद्धि करने की पहल नहीं हुई.