मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के नैक मूल्यांकन में बेहतर ग्रेड हासिल करने के लिए अंगीभूत कॉलेजों से साठ शिक्षकों को विवि पीजी विभागों में प्रतिनियुक्त करने का फैसला लिया गया है. विवि प्रशासन का यह फैसला पहले से ही शिक्षकों की किल्लत ङोल रहे कॉलेज प्रबंधकों के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है.
कारण प्रतिनियुक्ति के बाद कई कॉलेजों के खास विषयों में शिक्षकों की संख्या शून्य तक हो जायेगी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अब इन विषयों की पढ़ाई कैसे होगी! सवाल इस कारण से भी उठ सकते हैं कि फिलहाल विवि के पीजी विभाग में एक भी क्लास नहीं चल रही है.
पीजी सेकेंड व फोर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को रिजल्ट का इंतजार है. वहीं सेमेस्टर वन व थ्री की कक्षाएं पूरी हो चुकी है. एक दो विभागों में इसकी विशेष कक्षाएं चलायी जा रही है. वहीं दूसरी ओर अंगीभूत कॉलेजों में फिलहाल इंटरमीडिएट सेकेंड ईयर, स्नातक पार्ट वन के साथ-साथ पीजी फस्र्ट व थर्ड सेमेस्टर की स्पेशल कक्षाएं चल रही हैं. तो क्या विवि ने बेहतर नैक मूल्यांकन के लिए पठन-पाठन को ताक पर नहीं रख दिया है!
खुद चाहिए बेहतर ग्रेड, कॉलेज की चिंता नहीं. विवि प्रशासन ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का फैसला नैक मूल्यांकन में बेहतर ग्रेड हासिल करने के लिए लिया है. लेकिन उस फैसले के कारण एमएस कॉलेज मोतिहारी में नैक की तैयारी को झटका लग सकता है. यहां से अर्थशास्त्र के प्रध्यापक डॉ राम सेवक सिंह की प्रतिनियुक्ति पीजी विभाग में कर दी गयी है. डॉ सिंह एमएस कॉलेज मोतिहारी के नैक कॉर्डिनेटर भी हैं. यहां भी नैक के पियर टीम का निरीक्षण अप्रैल माह में संभावित है.
पियर टीम ने भी जतायी थी नाराजगी. बीते माह 20 से 22 नवंबर तक नैक की पियर टीम ने एलएस कॉलेज का निरीक्षण किया था. इस दौरान टीम ने कई विभागों में शिक्षकों की कमी पर सवाल उठाये थे. तब कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें शिक्षकों की कमी जल्द दूर कर लेने का आश्वासन दिया था. लेकिन विवि के नये फैसले से अब एक नया संकट उत्पन्न हो गया है. प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने मार्च तक एलएस कॉलेज को कॉलेज विथ पोटेंशियल ऑफ एक्सिलेंस (सीपीइ) का दर्जा दिलाने की घोषणा कर रखी है. इसके तहत यूजीसी से कॉलेज को एक अरब रुपये तक का अनुदान प्राप्त हो सकता है. लेकिन ग्यारह शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति से इसकी तैयारी को झटका लग सकता है. यही नहीं एमडीडीएम कॉलेज को भी नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड नहीं मिलने का एक कारण शिक्षकों की कमी को माना जा रहा है. यहां भौतिकी, संस्कृत व उर्दू विभाग में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर तब विवि में बेहतर ग्रेड के लिए शिक्षकों की प्रोन्नति संबंधित कॉलेज में क्यों नहीं की?
प्रमुख पदों पर कार्यरत शिक्षकों की भी प्रतिनियुक्ति. एमडीडीएम कॉलेज से पांच शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पीजी विभागों में की गयी है. इसमें भूगोल के डॉ रू पा कुमारी, गणित के डॉ मनीष प्रभा, अर्थशास्त्र के डॉ चंचला चरण व मनोविज्ञान के डॉ इंदू भूषण पांडेय व डॉ अलका जायसवाल शामिल है. इसमें से डॉ आइबी पांडेय फिलहाल कॉलेज के बर्सर भी हैं. इस नाते वे कॉलेज के कई स्टैच्यूटरी बॉडी के सदस्य भी हैं. इसी तरह डॉ चंचला चरण बीबीए की को-ऑर्डिनेटर व डॉ अलका जायसवाल एनएसएस की कार्यक्रम पदाधिकारी हैं. इन लोगों की प्रतिनियुक्ति से कॉलेज के दैनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं.
एलएस व आरडीएस से 11-11 शिक्षकों का नुकसान
शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का सबसे ज्यादा नुकसान हाल में नैक मूल्यांकन में ‘ए’ ग्रेड हासिल करने वाले एलएस कॉलेज व विवि का सबसे पहला नैक मूल्यांकित कॉलेज आरडीएस कॉलेज शामिल है. यहां से ग्यारह-ग्यारह शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति विवि पीजी विभाग में कर दी गयी है. इसके कारण कई विषयों में सृजित पदों की संख्या की अपेक्षा कार्यरत शिक्षकों की संख्या आधी से भी कम रह जायेगी. एलएस कॉलेज से भौतिकी के चार व रसायन के तीन शिक्षकों की एक साथ प्रतिनियुक्ति विवि में कर दी गयी है. इससे यहां भौतिकी में शिक्षकों की संख्या चार व रसायन में छह रह जायेगी. इन दोनों विषयों में सृजित पद की संख्या क्रमश: नौ व दस है. सबसे बुरा हाल गणित विषय का है. एलएस कॉलेज में इस विषय में सृजित पद की संख्या छह व आरडीएस में चार है. प्रतिनिुयक्ति के बाद दोनों कॉलेजों में इस विषय में कार्यरत शिक्षकों की संख्या महज एक रह जायेगी. कुछ ऐसा ही हाल एमडीडीएम कॉलेज के गणित विभाग का भी हो जायेगा. आरडीएस कॉलेज में राजनीति विज्ञान व मनोविज्ञान में शिक्षकों की संख्या एक-एक रह जायेगी.
यहां शिक्षकों की संख्या हो जायेगी शून्य
प्रतिनियुक्ति के बाद छह कॉलेजों में अलग-अलग विषयों में शिक्षकों की संख्या शून्य हो जायेगी. इसमें एमएसकेबी कॉलेज, डॉ राम मनोहर लोहिया स्मारक कॉलेज, आरबीबीएम कॉलेज, एमपीएस साइंस कॉलेज व एमएस कॉलेज मोतिहारी शामिल है. एमएसकेबी में इतिहास विषय में दो शिक्षक हैं दोनों की प्रतिनियुक्ति विवि पीजी विभाग में कर दी गयी है. इसी तरह डॉ राम मनोहर लोहिया स्मारक कॉलेज में इसी विषय के एकमात्र शिक्षक डॉ रेवती रमण की भी प्रतिनियुक्ति विवि में हुई है. कुछ ऐसा ही हाल आरबीबीएम कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग, एमपीएस साइंस कॉलेज में संस्कृत विभाग व एमएस कॉलेज मोतिहारी में अंग्रेजी विभाग का भी है. इन विभागों में फिलहाल एक-एक शिक्षक कार्यरत थे, जिनकी प्रतिनियुक्ति विवि में हुई है.