मुजफ्फरपुर: सरकार द्वारा शराब के दामों में किये गये वृद्धि व कोटा का असर राज्य में दिखने लगा है. लोगों ने दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि के कारण जहां पीना कम कर दिया है. वहीं लाइसेंसी दुकानदार टैक्स बढ़ने से कोटा उठाव करने में आना-कानी कर रहे हैं. इस कारण जून माह में राज्य के आधा से अधिक जिले में देसी-विदेशी शराब का उठाव कोटा के अनुरूप नहीं हो पाया है.
तिरहुत व सारण प्रमंडल के जिलों को छोड़ पटना, भागलपुर, गया, कोसी प्रमंडल के जिले की स्थिति देसी-विदेशी शराब व बियर के कोटा उठाव में बहुत खराब है. सूबे की राजधानी पटना का कोटा उठाव जून माह में सबसे कम हुआ है. देसी-विदेशी व बियर तीनों में कोटा से बहुत कम शराब का उठाव हुआ है. हालांकि, उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी मुजफ्फरपुर में बियर को छोड़ देसी-विदेशी शराब का उठाव शत प्रतिशत से अधिक हुआ है.
इसके अलावा तिरहुत प्रमंडल के मोतिहारी, वैशाली, सीतामढ़ी, बेतिया के कोटा भी शत प्रतिशत उठाव हुआ है. बिहार स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों की मानें तो राज्य के 38 में से 16 जिलों में विदेशी व 18 जिलों में देसी शराब का उठाव कोटा के अनुरूप हुआ है. बाकी जिलों में उठाव कम हुआ है.
लक्ष्य पर पड़ेगा असर
जून माह में निर्धारित कोटा से बहुत कम शराब का उठाव होने का सीधा असर इससे आने वाले राजस्व वसूली पर पड़ेगा. तिरहुत व सारण प्रमंडल के कुछ जिले को छोड़ बाकी प्रमंडल के जिले के लिए वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए राजस्व वसूली लक्ष्य को पूरा करना काफी मुश्किल साबित होगा. हालांकि, उत्पाद मद्य निषेध विभाग लगातार जिले के अधिकारियों पर शत प्रतिशत कोटा उठाव को लेकर दबाव बनाये हुए है. इसके लिए उत्पाद आयुक्त व उपायुक्त ने सभी जिले के अधीक्षक को पत्र भेज सख्ती के साथ कोटा का उठाव करा अधिक से अधिक राजस्व वसूली करने का निर्देश भी दे चुके है.