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विषाक्त भोजन खाने से बच्चे की मौत

मुजफ्फरपुर/औराई: हथौड़ी थाना क्षेत्र के महिशवारा गांव में मंगलवार को विषाक्त भोजन करने से चार वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. वहीं एक महादलित परिवार के सात लोग बीमार हो गये. उन्हें इलाज के लिए एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया गया है. इनमें चार बच्चों की स्थिति गंभीर बतायी गयी है. सभी को […]

मुजफ्फरपुर/औराई: हथौड़ी थाना क्षेत्र के महिशवारा गांव में मंगलवार को विषाक्त भोजन करने से चार वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. वहीं एक महादलित परिवार के सात लोग बीमार हो गये. उन्हें इलाज के लिए एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया गया है. इनमें चार बच्चों की स्थिति गंभीर बतायी गयी है. सभी को ऑक्सीजन पर रखा गया है.

इलाजरत 40 वर्षीय नन्हकी मलिक ने बताया कि चैनपुर योजना बांध पर रहने वाले एक व्यक्ति ने उससे टोकरी ली थी. कीमत के बदले में चावल दिया था. उसी चावल को सोमवार की रात भोजन बना कर परिवार के सभी लोगों ने खाया था. इसके बाद सभी सोने चले गये. अहले सुबह से ही एक-एक कर सभी को उल्टी व दस्त होने लगी. गांव से अस्पताल जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. घर में सभी बीमार थे, इसलिए बाहर से कोई वाहन बुला कर लाने का उपाय नहीं था. दोपहर में एक ऑटो रिजर्व यात्री लेकर गांव आया. आरजू-मिन्नत करने पर वह मेडिकल आने के लिए तैयार हुआ. इसी बीच रास्ते में चार वर्षीय पुत्र दिनेश ने दम तोड़ दिया.

नन्हकी ने बताया कि सभी उस चावल को भात बना कर दाल व सब्जी के साथ खाये थे. उसने यह भी बताया कि उसने जिस व्यक्ति को टोकरी दिया था, उसका नाम नहीं जानता है. मगर उसे पहचानता जरूर है. मेडिकल में नन्हकी के अलावा उसकी पत्नी 35 वर्षीया रीता देवी, मां 70 वर्षीया छोहरिया देवी, पुत्री आठ वर्षीया रंगीला व डेढ़ वर्षीया मीना, पुत्र पांच वर्षीय नीतेश व तीन वर्षीय राकेश भरती हैं. इमरजेंसी के डॉक्टर ने रंगीला, मीना, नितेश व राकेश की स्थिति नाजुक बतायी है. उधर, पंचायत के मुखिया का कहना है कि रात में वे लोग मांस-भात खाये थे. बच्चा उल्टी व दस्त से मरा है या जहरीला भोजन से इसके बारे में उन्हें पता नहीं है.

नन्हकी मलिक का मामला विषाक्त भोजन का है. उसके साथ बच्चे व बूढ़े मिला कर सात पीड़ित हैं. सबका इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा है. उसके एक पुत्र ने मेडिकल आने के पूर्व ही दम तोड़ दिया था.

डॉ जीके ठाकुर, अस्पताल अधीक्षक, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर

नन्हकी मलिक टोकरी बेचने का काम करता है. वह रविवार को टोकरी बेचने चैनपुर गया था, जहां उसे पैसे के बजाय चावल मिला. परिवार के सभी लोग सोमवार की रात उसी चावल का भात व मांस खाया था. एक बजे रात के बाद से उल्टी-दस्त होने लगी. इसी क्रम में दिनेश की मौत हो गयी. बाद में पड़ोसियों की मदद से उसे एसकेएमसीएच भेजा गया.

रामाश्रय यादव, थानाध्यक्ष हथौड़ी

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