साहेबगंज: मुजफ्फरपुर व गोपालगंज को जोड़ने वाले बंगरा महासेतु निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर नक्सली हमले के बाद भयभीत कंपनी के कर्मचारी पलायन करने लगे हैं.
नक्सलियों की चेतावनी के बाद भयभीत कर्मियों ने निर्माण कार्य बंद दिया है.लोगों का कहना है कि अगर पुलिस सुरक्षा दी होती, तो यह निर्माण कार्य बंद नहीं होता. हमले के समय नक्सलियों ने परचा छोड़ने के साथ ही बंद लिफाफा भी छोड़ गये, लेकिन भय के कारण इस संबंध में कोई कर्मचारी जुबान नहीं खोल रहा है.
कर्मिर्यो को अधिकारियों ने दी चेतावनी
घटना के दूसरे दिन सोमवार को एएसपी अभियान राणा ब्रजेश व सरैया डीएसपी सरैया कुमार पुलिस बल, एसएसबी व चीता दस्ता के साथ निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर पहुंचे. कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों ने घटना के संबंध में जानकारी ली.
कर्मचारी सोमवार की सुबह से ही कैंप छोड़कर जाने लगे. इसके बाद वहां मौजूद कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों को चेतावनी दी कि जो मजदूर काम छोड़कर जायेंगे, उन्हें नौकरी से निकाल दिया जायेगा. इसको लेकर निर्माण कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच विवाद भी हुआ. इसके बाद भी करीब सत्तर फीसदी कर्मचारी कैंप छोड़कर चले गये. इसके बाद कंपनी के अधिकारी ने कर्मचारियों से कहा कि आप लोग यहां रहिए, जब तक काम करने की स्थिति नहीं बनती और मामला सुलझ नहीं जाता है, तब तक आप लोगों को काम नहीं करना पड़ेगा.
पहले भी मांग चुके हैं लेवी
बताया जाता है कि जब भी नक्सलियों ने लेवी की मांग की और कर्मचारियों को धमकी दी. हर बार कंपनी के अधिकारी पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारियों से मिलकर मौखिक रूप से अवगत करा दिया. फिर भी उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं करायी गयी. लेवी का मामला नहीं सुलझने पर रविवार की शाम नक्सलियों ने कंपनी के बेस कैंप पर हमला बोल दिया. कंपनी के 250 से 150 से अधिक कर्मचारियों के पलायन कर जाने के बाद अब कंपनी के सामने यह भी संकट पैदा हो गया है कि आखिर मामला सुलझने के बाद भी कार्य शुरू कैसे कराया जाये.
निर्माण एजेंसी एपी सिंघला कंपनी के डीजीएम विजय पाल सिंह नेगी ने बताया कि घटना के बाद मजदूर काम बंद कर दिये हैं. कुछ मजदूर काम छोड़कर चले गये हैं. स्थिति सामान्य होने के बाद काम शुरू किया जायेगा.