मुजफ्फरपुर: गायघाट में पुलिसिया रौब व धौंस फिर दिखी. अनिल राम को थानेदार सत्येंद्र राम ने सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा क्योंकि अनिल राम ने अपने खिलाफ दर्ज एक मामले में अग्रिम जमानत ले ली थी. थानेदार पिटाई पर ही नहीं रुके, उन्होंने अनिल के खिलाफ एक दूसरा मामला दर्ज कराया और उसे जेल भेज दिया.
यह मामला बुधवार को तब खुला जब अनिल राम को पेशी के लिए जेल लाया गया. लोगों को देख कर अनिल राम फफक-फफक कर रोने लगा. उसने रोते हुए अपने ऊपर हुए जुल्म की कहानी कही. मामला गायघाट के मैठी गांव का है. जानकारी के अनुसार, मैठी गांव में 12 जून को आपसी रंजिश में मारपीट की घटना हुई थी.
कोर्ट परिसर में ही अनिल ने बताया कि उस पर पड़ोसी अशोक राम ने 12 जून को पत्नी का चेन छीनने व मारपीट का मामला दर्ज कराते हुए आधा दर्जन लोगों को अभियुक्त बनाया था. इसी मामले में उनलोगों के खिलाफ कांड संख्या 154/13 दर्ज किया गया. केस दर्ज होने के बाद उनलोगों ने कोर्ट से जमानत करा लिया. 17 जून को वे जमानत की कागजात लेकर गायघाट थाने पहुंचा, जिस पर थानाध्यक्ष ने कहा कि तुम लोगों ने कोर्ट से जमानत क्यों कराया, थाना आते, तो यहीं से जमानत मिल जाती.
जमादार महादेव ठाकुर, चौकीदार किशोरी राय सहित अन्य पुलिस कर्मी ने उनलोगों की बर्बर तरीके से पिटाई कर दी. यहीं नहीं, अशोक राम से दुबारा केस करा कर कांड संख्या 164/13 दर्ज की गयी, जिसमें 12 लोगों को अभियुक्त बनाया गया. वही पांच अभियुक्त शंकर राम, अमरजीत राम, सुनीत राम, अनिल राम व राज कुमार राय को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद उनलोगों की जम कर पिटाई की गयी.
वही बुधवार को जेल भेज दिया. वही गायघाट पुलिस ने पिटाई के आरोप निराधार बताते हुए कहना था कि मैठी गांव में दोनों पक्ष के बीच मारपीट की सूचना पर मंगलवार की रात पुलिस गयी थी. पुलिस पर हमला बोल कर एक सिपाही का सिर फोड़ दिया गया था. पांच अभियुक्त को पकड़ कर जेल भेजा गया है.