मुजफ्फरपुर: दहेज प्रताड़ना से तंग पिंकी देवी ने नेपाल निवासी ससुर शिव प्रसाद अग्रहरि को व्यवहार न्यायालय परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. दहेज प्रताड़ना के आरोप में जेल में बंद पति अनिल कुमार अग्रहरि को सीजेएम वेद प्रकाश सिंह ने 28 अक्टूबर को जमानत दिया था.
इसके बाद पिंकी देवी के ससुर शिव प्रसाद अग्रहरि, सास चंद्रवती अग्रहरि ने पुत्र को जमानतदार बनते हुए 31 अक्टूबर को सीजेएम की अदालत में बंध पत्र दाखिल किया था, जहां सीजेएम ने बंध पत्र को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि जमानतदार नेपाल के हैं. इनको यहां की नागरिकता प्राप्त नहीं है.
नेपाल मेरे क्षेत्रधिकार से बाहर है. इसलिए बंध पत्र अस्वीकृत किया जाता है. स्थानीय जमानतदार बंध पत्र दाखिल करें. शनिवार को जब शिव प्रसाद अग्रहरि ने पुत्र की जमानत के लिए स्थानीय जमानतदार बालूघाट निवासी अनिल कुमार सिंह व सोडा गोदाम निवासी विक्की कुमार का कागज शपथ पत्र के साथ पेश किया तो पिंकी देवी की ओर से उनके अधिवक्ता व पिंकी ने विरोध शुरू किया. पिंकी के अधिवक्ता ने न्यायालय में आवेदन देकर जमानतदार की ओर से पेश किये गये जमीन व गाड़ी की कागजात की जांच करा कर बंध पत्र स्वीकृत करने की मांग की. जमानतदार जब सीजेएम की न्यायालय में पेश हुए तो अपना मूल कागजात नहीं दिखा सके. जिससे न्यायालय ने दाखिल बंध पत्र को अस्वीकार कर दिया.
पिंकी देवी ने दर्ज नगर थाना कांड संख्या 843/2014 में नगर पुलिस ने नाटकीय ढंग से अनिल कुमार अग्रहरि को गिरफ्तार कर 16 अक्टूबर को जेल भेजा था. नगर थाना क्षेत्र के सरैयागंज निवासी पिंकी देवी की शादी वर्ष 2009 में नेपाल के चौकी थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ नगर के वार्ड नं.1 निवासी अनिल कुमार अग्रहरि से हुई थी. पिंकी ने नगर पुलिस को दिये बयान में कहा कि वर्ष 2010 में बच्ची यामिनी व वर्ष 2012 में दूसरी पुत्री शुभी का जन्म हुआ. इसके बाद से पति मोटरसाइकिल व पांच लाख की मांग करने लगे. मांग पूरा नहीं होने पर खाना पीना बंद कर मारपीट करने लगे. इससे तंग आकर दस माह से मैं मैंके में हूं. मैं जब फोन करती थी तो पति बात नहीं करते थे. जब फोन बदल कर बात करती थी तो दूसरी लड़की समझ कर बात करते थे. दूसरे फोन से बात कर उन्हें हाजीपुर स्टेशन पर मिलने के लिए बुलाया. जहां वे मिलने आये. इसके बाद मैं अपने भाई व परिजनों के सहयोग से उसे पकड़ी व नगर थाने के हवाले कर दिया.