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सीआइडी के डीआइजी कर रहे मुजफ्फरपुर में कैंप

मुजफ्फरपुर: नारायण एजुकेशनल प्वाइंट के निदेशक सत्य नारायण प्रसाद के अपहरण से पूरा पुलिस महकमा सकते में आ गया है. जिला पुलिस अब इस मामले को सीआइडी से मिल कर निबटाने के प्रयास में जुटी है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में जल्द निष्पादन के लिए जिला पुलिस ने सीआइडी व स्पेशल ब्रांच से […]

मुजफ्फरपुर: नारायण एजुकेशनल प्वाइंट के निदेशक सत्य नारायण प्रसाद के अपहरण से पूरा पुलिस महकमा सकते में आ गया है. जिला पुलिस अब इस मामले को सीआइडी से मिल कर निबटाने के प्रयास में जुटी है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में जल्द निष्पादन के लिए जिला पुलिस ने सीआइडी व स्पेशल ब्रांच से सहयोग मांगा है.

वहीं, बिहार सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए अपने तमाम अधिकारी को लगा दी है. बताया जा रहा है कि सीआइडी पटना के डीआइजी मुजफ्फरपुर में कैंप कर रहे हैं. वह बारीकी से पूरे मामले का अध्ययन कर रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है कि डीआइजी सीआइडी के रिपोर्ट सौंपने के बाद स्कूल संचालक के बरामदगी की कमान सीआइडी को सौंपी जायेगी. हालांकि, इस मामले में कोई भी अधिकारी बोलने से कतरा रहे हैं.

केस का कर रहे बारीकी से अध्ययन

गत दो दिनों से संचालक के घर सीआइडी की टीम पूछताछ में जुटी है. टीम शनिवार व रविवार को संचालक के परिजनों, स्कूल कर्मचारी व आसपास के लोगों से संपर्क कर मामले में छानबीन की.

बताया जाता है कि दोपहर के बाद टीम पुन: वापस लौट गयी. इस दौरान बंद कमरे में कर्मचारी व परिजनों से पूछताछ की गयी. इसी क्रम में सीआइडी की टीम ने परिजनों में संचालक की पत्नी, भाई व रिश्तेदार के बयान भी नोट किये.

नगर डीएसपी ने की होस्टल प्रभारी से पूछताछ

आठ दिन के बाद भी पुलिस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी है. इसी क्रम में शनिवार को नगर डीएसपी अनिल कुमार सिंह स्कूल पहुंचे. जहां उन्होंने होस्टल प्रभारी के अलावा अन्य कर्मचारियों से घंटों पूछताछ की. नगर डीएसपी के साथ मौके पर ब्रrापुरा थानाध्यक्ष शशि कुमार शशि भी मौजूद थे.

पत्नी की स्थिति बिगड़ी

संचालक व तेल व्यापारी के अपहरण के बाद उनकी पत्नी की स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती ही जा रही है.

बताया जाता है कि पहले दो-तीन दिन तक उनकी वापसी को लेकर काफी आशान्वित थी, लेकिन ज्यों-ज्यों दिन बितता जा रहा है. उनकी मनोदशा बिगड़ते जा रही है. गत एक-दो दिन से वह सही से अपना दैनिक कार्य भी नहीं कर रही है.

नहीं करें सड़क पर प्रदर्शन

अपहरण हुए आठ दिन हो गया है. परिवार के लोगों को भय सता रहा है. इस बीच परिजनों ने सामाजिक संगठनों, पार्टियों व दलों से आग्रह किया है कि वह मामले को लेकर सड़क पर उग्र आंदोलन न करे. उनका मानना है कि उग्र आंदोलन से संचालक को हानि

पहुंचाया जा सकाता है.

राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं का लगा रहता है तांता

निदेशक के घर गत आठ दिनों से लगातार लोगों का आना जाना लगा हुआ है. इसमें सामाजिक व राजनीतिक संगठन पीछे नहीं है. दिन भर में करीब एक दर्जन से अधिक नेता व सामाजिक कार्यकर्ता स्कूल में पहुंचते है. अपहृत की पत्नी से बातचीत करते हैं. उन्हें जल्द बरामदगी का आश्वासन भी देते है व चले जाते है. इससे अनुसंधान करने गई पुलिस टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस अनुसंधान के लिए एकांत चाहती है. लेकिन उसे ऐसा माहौल नहीं मिल रहा. इसके लिए वह बंद कमरे में बारी-बारी से पूछताछ करती है.

छह संदिग्धों से पूछताछ

संचालक व तेल व्यापारी के बरामदगी के लिए स्पेशल टीम ने जिला के बाहर छापेमारी की. इस दौरान भागलपुर, पूर्णिया, दरभंगा समेत आधा दर्जन जगहों पर छापेमारी की गयी. यहां से छह संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया. इन सभी से पूछताछ की जा रही है. बता दें कि, संचालक के बरामदगी के लिए एसएसपी जितेंद्र राणा ने सिटी एसपी राजेंद्र कुमार भील के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन किया था.

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