पटना/मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर व राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में बुधवार की रात से जारी बारिश के कारण जहां किसानों ने राहत की सांस ली है, वहीं शहरी व निचले इलाकोंमें जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
पटना जंकशन पर ट्रैक पर पानी भरने के कारण गुरुवार को सिगनल सिस्टम फेल हो गया, जिससे हावड़ा-दिल्ली रेलखंड पर 10 घंटे तक ट्रेनों का परिचालन ठप रहा.
वहीं, गया-पटना रेलखंड में ट्रैक के पानी में डूबने के कारण छह घंटे तक ट्रेनें नहीं चलीं. नदियों का जल स्तर बढ़ने से नालंदा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर समेत कई जिलों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है. नालंदा में बिहारशरीफ-हिलसा पथ व बिहारशरीफ-बरबीघा एनएच-82 पर पानी बह रहा है. पूरा पटना शहर झील में तब्दील हो गया है. यही स्थिति लगभग सभी जिला मुख्यालयों व अन्य शहरों की है. गुरुवार को पूरे राज्य में 60.9 एमएम औसत बारिश दर्ज की गयी. नालंदा जिले के एकंगरसराय में सबसे अधिक 252 एमएम बारिश रेकॉर्ड किया गया है, इसके बाद पटना जिला के श्रीपालपुर में 223 एमएम बारिश दर्ज की गयी. अगले दो दिन राज्य के उत्तर व पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गयी है.
पिछले तीन दिनों से राजधानी सहित पूरे सूबे में मॉनसून मजबूत है. मंगलवार को हल्की बारिश हुई और बुधवार से पूरे सूबे में लगातार बारिश हो रही है. इसमें कहीं भारी बारिश हो रही है, तो कहीं हल्की बारिश हो रही है. पटना में बुधवार की पूरी रात मूसलधार बारिश शुरू हुई, तो गुरुवार को दिन के एक बजे तक जारी रहा. इसके कारण पूरे शहर में जलजमाव की स्थिति हो गयी. ट्रैक पर पानी जम जाने से पटना जंकशन पर लगा आरआरआइ सिस्टम फेल हो गया. इसके चलते करीब 10 घंटे परिचालन पूरी तरह ठप रहा. दोनों तरफ से आनेवाली ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर घंटों खड़ी रहीं. इससे नाराज यात्रियों ने पटना जंकशन सहित छोटे-बड़े सभी स्टेशनों पर हंगामा भी किया.
रेल अधिकारियों के मुताबिक, आरआरआइ के ट्रैक सर्किट में पानी आने से सुबह तीन बजे से ही दिक्कत आनी शुरू हो गयी. मगर सिगनल ने सुबह 6:30 बजे काम करना बंद कर दिया. ट्रेनों के दबाव को देखते हुए उसे मेमू पर भी नहीं चलाया जा सका. इसे ठीक करने में 10 घंटे लग गये. शाम करीब 4:30 बजे मेमू के माध्यम से ही परिचालन की शुरुआत हुई. सबसे पहली ट्रेन महानंदा खुली. डाउन लाइन में विक्रमशिला, संपूर्ण क्रांति, संघमित्र, कुर्ला-पटना, पटना-सिकंदराबाद, भागलपुर-सूरत एक्सप्रेस, पूर्वा, मगध, इंदौर-पटना और आसानसोल-मुंबई एक्सप्रेस, तो अप में महानंदा, ब्रrापुत्र, गुवाहटी-दादर एक्सप्रेस 10 घंटे आसपास के स्टेशनों पर खड़ी रहीं. स्थिति को देखते हुए दानापुर डीआरएम एनके गुप्ता भी जंकशन पहुंचे और उन्होंने आरआरआइ से जुड़े अधिकारियों-कर्मियों की क्लास लगायी.
सात ट्रेनों का पुनर्निर्धारित
सात ट्रेनों को पुनर्निर्धारित कर चलाया गया. राज्यरानी एक्सप्रेस को बख्तियारपुर से ही वापस सहरसा भेज दिया गया. 013401 साहेबगंज-दानापुर इंटरसिटी बख्तियारपुर से ही लौट गयी. पाटलिपुत्र एक्सप्रेस बाढ़ से, कटिहार इंटरसिटी मोकामा से, कमला गंगा एक्सप्रेस मोकामा से, धनबाद-पटना मोकामा से और झाझा-पटना बाढ़ से ही वापस लौटा दी गयी.
इधर, गया-पटना मार्ग पर जहानाबाद से पटना तक ट्रैक पर पानी भर गया. इस कारण गुरुवार की सुबह आठ बजे से दोपहर बाद दो बजे तक इस रेलखंड पर परिचालन ठप रहा. उधर, गया-गोमो रेलखंड पर यदुग्राम-दिलवा स्टेशनों के बीच ट्रैक पर पहाड़ी से चट्टान गिरने के कारण दोपहर साढ़े 12 बजे से परिचालन ठप रहा. शाम पांच बजे सिर्फ अप लाइन ही चालू हो सकी. गया शहर में प्रमुख सड़कें पानी में डूब गयीं.
गोपालगंज में गंडक नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. वाल्मीकि नगर बराज से दो लाख 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कटाव तेज हो गया है. 24 गांव पानी से घिर गये हैं. गांव के आने -जाने पथों पर पानी बह रहा है. बेगूसराय के बलिया प्रखंड की परमानंदपुर, पहाड़पुर, भवानंदपुर, ताजपुर, भगतपुर पंचायतों के दर्जनों गांवों और मुंगेर जिले की कुतलुपुर पंचायत के कई गांवों में गंगा का पानी घुस गया है. तुलसी टोल बांध के नीचे पहाड़पुर जानेवाली सड़क पर डायवर्सन के पास मिट्टी धंसने से रास्ते पर पानी बह रहा है. भोजपुर में आरा शहर समेत कई गांवों में पानी भर गया है. वैशाली जिले में महुआ के पास वाया नदी में उफान से निचले इलाकों में पानी फैल गया है.
उत्तर बिहार में प्रमुख नदियों समेत अधवारा समूह की नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गयी है. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पानी में डूब गयी हैं. मुजफ्फरपुर के कटरा में बागमती नदी के जल स्तर में वृद्धि से 16 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो चुका है. बकुची बसघट्टा पीडब्ल्यूडी सड़क पर ढाई सौ मीटर में दो फीट पानी का बहाव जारी है. उधर, औराई में भी बागमती नदी के जलस्तर में ढाई फुट की वृद्धि देखी गयी है. इससे बांध के अंदर बाढ़ का पानी फैलने लगा है. समस्तीपुर में गंगा न्लगातार प्रतिदिन 25 से 30 सेंटीमीटर बढ़ रही है. गुरुवार दोपहर जल स्तर 46 सेंटीमीटर को पार कर गया. इसके कारण बाढ़ का पानी निचले भू भागों एवं खेत खलिहानों में प्रवेश कर गया है़ गंगा नदी में उफान से बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क पर भी पानी चढ़ गया है. सीतामढ़ी में बागमती नदी का पानी पांच स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.लखीसराय में दिन भर रुक-रुक कर बारिश होती रही, जिससे किऊल, हरूहर नदी का जल स्तर बढ़ गया है. कटिहार में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. अररिया में बकरा, भलुआ, रतुआ, कनकई, परमान सहित सभी नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. भागलपुर में बारिश के बाद कई नये इलाकों में पानी फैला गया है. दो दिनों में भागलपुर में 72.4 मिलीमीटर बारिश हुई है. खरीक प्रखंड के राघोपुर में तटबंध पर पानी का भारी दबाव है. सबौर व नाथनगर पंचायत के कई गांवों में पानी आ गया है. गंगा के किनारे सबौर इंजीनियरिंग कॉलेज, महर्षि मेंहीं आश्रम में भी बाढ़ का खतरा है. शहर में कई जगहों पर जलजमाव हो गया है.