मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में स्नातक पार्ट वन व टू की स्पेशल परीक्षा बिना राजभवन की अनुमति के चल रहे वोकेशनल कोर्स के कारण रुकी है. राजभवन ने ट्रांजिट रेगुलेशन को मंजूरी देने से पूर्व विवि से सभी त्रि-वर्षीय वोकेशनल कोर्स के रेगुलेशन की मंजूरी से संबंधित कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. विवि की ओर से ये सभी कागजात राजभवन को उपलब्ध करा दिये गये हैं. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि स्पेशल परीक्षा पर अगले सप्ताह तक फैसला आ सकता है.
इससे पार्ट वन व टू की परीक्षा में प्रमोटेड पर पार्ट थर्ड की परीक्षा में पास कर चुके करीब छह हजार छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद है. वहीं स्नातक पार्ट थर्ड के साठ हजार छात्रों के परीक्षा का इंतजार भी खत्म हो सकता है.
विवि की ओर से इस वर्ष अठारह वोकेशनल कोर्स के रेगुलेशन की मंजूरी का प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया था. इसमें से पांच कोर्स को राजभवन की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 13 कोर्स पर फैसला होना अभी बांकी है. इसमें बीबीए व बीसीए कोर्स भी शामिल है. राजभवन की आपत्ति थी कि जब इन कोर्स के रेगुलेशन को ही मंजूरी नहीं मिली है तो फिर ट्रांजिट रेगुलेशन को मंजूरी कैसे दी जा सकती है! शनिवार को इस मामले में अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ बिनोद प्रसाद सिंह व परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय कुमार सिंह राजभवन के अधिकारियों से मिले व अपना जवाब सौंपा. विवि का तर्क है कि फिलहाल जितने भी त्रि-वर्षीय वोकेशनल कोर्स चल रहे हैं, उनके रेगुलेशन को मंजूरी वर्षो पूर्व मिल चुकी है. इससे संबंधित कागजात भी राजभवन को सौंपे गये हैं.
नियम तोड़ने के लिए तय होगी जवाबदेही
विश्वविद्यालय नियमों के तहत स्नातक पार्ट वन व टू की परीक्षा पास करने के बाद ही पार्ट थर्ड की परीक्षा में शामिल होने का प्रावधान है. पर पूर्व के इस नियमों की अनदेखी करते हुए प्रमोटेड छात्रों को भी पार्ट थर्ड की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिलती रही है. इसके कारण हजारों छात्रों को दुबारा से पार्ट वन की पढ़ाई शुरू करने का खतरा उत्पन्न हो गया. विवि प्रशासन ने इन छात्रों को राहत देने के लिए एक स्पेशल परीक्षा लेने का फैसला लिया. इस संबंध में राजभवन को प्रस्ताव भेजा गया था. राजभवन ने पहले इस पर आपत्ति जताते हुए नियमों की अनदेखी के लिए जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया था. इसके लिए परीक्षा बोर्ड ने आठ सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.