मुजफ्फरपुर : जिले में भूमि माफियाओं की जालसाजी का सेना के जवान भी शिकार हो रहे हैं. फौज में कार्यरत तीन जवानों को गलत दस्तावेज दिखा कर जमीन की रजिस्ट्री कर साढे सोलह रुपये का चूना लगाया गया है. जमीन रजिस्ट्री के बाद जब तीनों फौजी चहारदीवारी करने गये तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. इस पूरे खेल में निबंधन कार्यालय के एक कातिब की भी भूमिका सामने आयी है. फौजी के शिकायत पर नगर पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर पूरे मामले की छानबीन में जुटी है.
जानकारी के अनुसार, सीतामढी जिले के बथनाहां गांव निवासी सुरोध कुमार, कटरा थाना क्षेत्र के अम्मा निवासी संजीव कुमार सिंह व पूर्वी चंपारण जिले के चिरैया थाना क्षेत्र के बसैठा निवासी अजय कुमार सेना में कार्यरत हैं. तीनों ने मुजफ्फरपुर में मकान बनाने के लिए जमीन खरीदने की सोची. जमीन खरीदने के क्रम में उनका परिचय रुनीसैदपुर थाना क्षेत्र के तिलक ताजपुर निवासी कन्हैया सिंह से हुआ. उसने बताया कि अहियापुर थाना क्षेत्र के झपहां निवासी ब्रिज मोहन कुमार जमीन का कारोबार करता है.
ब्रिजमोहन से परिचय होने के बाद तीनों सेना कर्मी को कोल्हुआ उत्तरवारी बांध के पास जमीन दिखाते हुए उसने साढे पांच लाख प्रति कट्ठा के दर से जमीन का दर तय किया गया.
ब्रिज मोहन ने बताया कि यह जमीन उसके संबंधी रंजीत सहनी का है. सारे कागजात देखने के बाद तीनों सेना कर्मी ने ब्रिजमोहन को सोलह लाख पचास हजार रुपये दे दिया, जिसमें सवा दो लाख का चेक भी था. तय तिथि के अनुसार, 25 अप्रैल 2012 को जिला निबंधन कार्यालय में तीनों सेना कर्मी ने अपनी पत्नी के नाम प्रतिभा शर्मा, नूतन सिंह व नीलू देवी के नाम से जमीन का केवाला कराया. वही ब्रिजमोहन व कन्हैया दस्तावेज पर गवाह व पहचान कर्ता बने.
तीनों दस्तावेज को ब्रrापुरा निवासी कातिब निर्भय कुमार राज ने तैयार किया गया था. जमीन रजिस्ट्री के बाद जब कुछ माह बाद तीनों चहारदीवारी करने गये, तो पता चला कि यह जमीन रंजीत सहनी की नहीं है. उसने जमीन नहीं लिखी है. मामले का खुलासा होने पर नगर थाने में ब्रिजमोहन, कन्हैया सिंह, कातिब निर्भय राज व संजय सहनी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है.