मुजफ्फरपुर: कुर्की जब्ती करने गयी महिला सिपाही की हत्या मामले में बुधवार को पुलिस कर्मियों ने एसकेएमसीएच व पुलिस लाइन में जम कर हंगामा किया. इस दौरान दो पक्षों के बीच हाथापाई भी हो गयी. हालांकि एसएसपी के समझाने-बुझाने के बाद आक्रोशित पुलिस कर्मी मानने को तैयार हुए.
बताया जाता है कि झारखंड की रहने वाली सुनैना हंसदा पटना जिला पुलिस बल में कार्यरत थी. एक साल पूर्व उसका सीवान तबादला किया गया था. अक्तू बर माह में सुनैना चार अन्य महिला सिपाहियों के साथ मुजफ्फरपुर हवलदार पद की ट्रेनिंग लेने आयी थी. छह माह बीत जाने के बाद भी उसे वापस नहीं भेजा गया था.
एसकेएमसीएच में आक्रोशित पुलिस कर्मियों का कहना था कि जानबूझ कर सारजेंट मेजर बीके मिश्र ने सुनैना को कुर्की-जब्ती की कार्रवाई में भेज दिया. मार्च माह में ही ट्रेनिंग की अवधि समाप्त हो गयी, लेकिन उसे वापस नहीं भेजा गया. मेजर की लापरवाही से महिला सिपाही की जान गयी है. हालांकि एसएसपी ने 20 जून तक ट्रेनिंग पूरा सभी सिपाहियों को वापस भेजने का आश्वासन दिया.
पुलिस वाहन का टूटा शीशा
भीड़ ने रोड़ेबाजी के क्रम में पुलिस वाहन का शीशा भी फोड़ दिया. वही एक झोपड़ी को आग लगा दी गयी. ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने ही झोपड़ी जलायी है. डीएसपी पश्चिमी अनोज कुमार का कहना था कि ग्रामीणों ने खुद से झोपड़ी में आग लगायी है. स्थानीय पीएचसी में भी इलाज में लापरवाही बरतने पर लोगों में आक्रोश था.
80 कर्मियों की हो रही है ट्रेनिंग
सीवान से अक्तूबर माह में सुनैना के साथ अनुपमा देवी, लालमणी, ज्ञांती देवी व फूलमणी टोपनो हवलदार के लिए ट्रेनिंग लेने आयी थी. बताया जाता है कि विभिन्न जिलों से 80 पुलिस कर्मी ट्रेनिंग ले रहे थे. बुधवार को पुलिस लाइन से ललिता देवी व बिजेंद्र यादव को भी कुर्की की कार्रवाई में भेजा गया था. पथराव में इन दोनों को चोट लगी है. ललिता ही सुनैना को लेकर एसकेएमसीएच पहुंची थी, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.