पीएचसी में सांप काटने की दवा उपलब्ध कराएं

मुजफ्फरपुर : जिले के किसी भी पीएचसी में सांप काटने वाली दवा उपलब्ध नहीं है. बाढ़ का समय आ चुका है, लेकिन अब तक इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गयी. जिला परिषद बोर्ड की बैठक में जिप सदस्य सुरेश यादव ने यह मुद्दा उठाया. जिसका सभी पार्षदों ने समर्थन किया. इस पर सीएस को बाढ़ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 15, 2018 7:00 AM
मुजफ्फरपुर : जिले के किसी भी पीएचसी में सांप काटने वाली दवा उपलब्ध नहीं है. बाढ़ का समय आ चुका है, लेकिन अब तक इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गयी. जिला परिषद बोर्ड की बैठक में जिप सदस्य सुरेश यादव ने यह मुद्दा उठाया. जिसका सभी पार्षदों ने समर्थन किया. इस पर सीएस को बाढ़ से पूर्व सभी पीएचसी में सांप वाली दवा उपलब्ध कराने को कहा गया.
वहीं जिप सदस्य अमित कुमार नेे रजवारा स्थित आवासीय स्कूल को 10 प्लस टू में उत्क्रमित करने व स्कूल के लिए अलग से ट्रांसफॉर्मर लगाने की बात कही. वहीं बैठक में 17 प्रस्ताव पर मुहर लगी. इसमें सकरा व बखरा में जिप की जमीन पर मार्केट बनाया जायेगा. वहीं आंतरिक संसाधन मद से प्राप्त राशि से जिप क्षेत्रों में चबुतरा निर्माण पर खर्च होगा.
बैठक में जिप सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा व बिजली संबंधित समस्याओं को प्रमुखता से उठाया. जिसमें बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कई स्कूल में शिक्षकों की बहुत कमी है. वहीं बिजली आपूर्ति की स्थिति ठीक नहीं है, ग्रामीण इलाकों में बिजली का बहुत काम बाकी है. इस बैठक में पिछले बैठक में हुए निर्णय की संपुष्टि की गयी. बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष इंदिरा देवी, एमएलसी दिनेश सिंह, डीडीसी उज्जवल कुमार सहित सभी विभाग के पदाधिकारी, जिप सदस्य मौजूद थे.
ये फैसले लिये गये
पंजीकरण नहीं कराने वाले दुकानदार का एकरारनामा रद कर दूसरे को दिया जाये. जिन दुकानदारों पर अधिक किराया बाकी है उनका एकरारनामा रद किया जाये.
जूरन छपरा डाकबंगला मार्केट में सड़क, नाला के संरक्षण परिसंपत्ति के निर्माण मद से मिले राशि से किया जाये.
मोतीपर के जमीन महना रोड में 9वीं मिल व बंदरा के रतवारा हाट की बंदोबस्ती सुरक्षित जमा राशि अधिक होने के कारण नये वित्तीय वर्ष बंदोबस्ती नहीं होने के कारण सुरक्षित राशि को कम किया जायेगा.
जिला परिषद की संपत्ति विश्रामगृह, विपणन केंद्र, आयुर्वेदिक औषधालय भवन पर पुलिस व आमजन द्वारा कब्जा किया गया है. उसे अतिक्रमण मुक्त कराते हुए उसकी बंदोबस्ती की जाये.पथ निर्माण विभाग की तरह चतुर्थ वर्गीय श्रेणी में संवेदकों का निबंधन करने के साथ जिला परिषद की निविदा से होने वाले काम में जिप के संवेदकों को प्राथमिकता मिले.

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