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मुजफ्फरपुर : पांच साल से काम कर रही थी सेवा संकल्प समिति, हर छह माह में मिलते थे 19 लाख
मुजफ्फरपुर : बालिका गृह चलाने वाली संस्था सेवा संकल्प समिति पिछले पांच सालों से काम कर रही थी. संस्था को 31 अक्टूबर 2013 को पहली बार काम मिला था. इसके बाद लगातार इसका एक्सटेंशन किया जाते रहा. हालांकि नियम के अनुसार तीन साल से अधिक एक्सटेंशन के बाद एनजीओ की पूरी पड़ताल की जाती है, […]
मुजफ्फरपुर : बालिका गृह चलाने वाली संस्था सेवा संकल्प समिति पिछले पांच सालों से काम कर रही थी. संस्था को 31 अक्टूबर 2013 को पहली बार काम मिला था. इसके बाद लगातार इसका एक्सटेंशन किया जाते रहा. हालांकि नियम के अनुसार तीन साल से अधिक एक्सटेंशन के बाद एनजीओ की पूरी पड़ताल की जाती है, लेकिन इस संस्था के साथ ऐसा नहीं हुआ.
संस्था को काम मिलने के बाद हर साल इसका कार्यकाल बिना जांच के बढ़ता रहा. संस्था को बाल संरक्षण विभाग से हर तीन महीने पर राशि जाती है. छह महीने पर 19 लाख 26 हजार 540 का बजट बनता था. तीन महीने पर संस्था को नौ लाख 63 हजार रुपये दिये जाते थे. समिति का सालाना बजट 38 लाख 53 हजार 80 रुपये का था.
पांच साल लगातार मिलता रहा टेंडर
सेवा संकल्प समिति को पिछले पांच साल से बिना जांच के ही टेंडर मिलता रहा. तीन साल पूरा होने के बाद भी प्रशासन ने इसकी पूरी जांच कर रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजी. सूत्रों के अनुसार संचालक का रसूख इतना था कि बिना किसी पड़ताल के ही लगातार यहां काम दिया जाते रहा. इसके अलावा जो राशि एनजीओ को भेजी जाती थी, उसके खर्च की जांच भी नहीं की गयी.
50 बच्चों के खाने पर 13 लाख का सालाना खर्च
एनजीओ को 50 बच्चे के खाने के लिए सालाना 13 लाख 55 हजार 200 रुपये विभाग से दिये जाते थे. सूत्रों के अनुसार इतनी बड़ी राशि मिलने के बाद भी बालिका गृह में खान-पान भी बढ़िया तरीके से नहीं होता था. इसके अलावा समिति को कर्मचारियों के वेतन मद में 14 लाख 92 हजार रुपये विभाग से मिलते थे. इसके अलावा कंटीजेंसी के लिए दो लाख रुपये दिये जाते थे.
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