मुजफ्फरपुर: लोकसभा चुनाव में सूबे में भाजपा छोड़ कोई दल दहाई अंक को भी नहीं छू पाया. पिछले लोकसभा में 20 सांसद वाली जदयू सिर्फ दो सीट पर सिमटी. वहीं राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को भी दो सीट पर ही संतोष करना पड़ा. आरजेडी को कोई नफा व नुकसान नहीं हुआ.
2009 की तरह इस बार भी चार सीटें ही मिली. सबसे अधिक फायदे में दो क्षेत्रीय दल रहे. रालोसपा की लॉटरी ही लग गयी. इसके तीन में तीन उम्मीदवार जीत कर रिकार्ड बना दिये. एनडीए गंठबंधन के एलजीपी अपने बड़े पार्टनर बीजेपी से सफलता के प्रतिशत में आगे रही. एलजेपी को सात में छह सीटों पर सफलता मिली. इसमें एलजेपी सुप्रीमो राम विलास पासवान के परिवार से ही तीन सांसद हुए. सबसे कम एक सीट एनसीपी को मिला. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस बार एक भी निर्दलीय उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाये.
सबसे अधिक अंतर से जीते जनक
अधिक अंतर से विरोधी को परास्त करने वाले प्रत्याशी में मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद चौथे नंबर पर हैं. अजय ने कांग्रेस उम्मीदवार अखिलेश सिंह को दो लाख 22 हजार 426 वोटों से हराया. दूसरे नंबर पर रहे रामविलास पासवान ने रामसुंदर दास को दो लाख 25 हजार, तीसरे नंबर पर रहे भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भोजपुरी फिल्म के अभिनेता कुणाल को 2,65805 वोट से पराजित किया. बड़े अंतर से जीत हासिल करने वाले में गोपालगंज के बीजेपी प्रत्याशी जनक राम रहे. उन्होंने डॉ ज्योति को दो लाख 86 हजार 936 मतों से शिकस्त दी.