मुजफ्फरपुर : ट्रेन के इंतजार में प्लेटफाॅर्म पर रही यात्रियों की भीड़ : भारत बंद के दौरान स्टेशन पर भी यात्रियों की भारी भीड़ रही. ट्रेन पकड़ने के इंतजार में लोग प्लेटफाॅर्म पर ही डटे हुए थे. ट्रेन के घंटों लेट की सूचना पर कई लोग आपस में लूडो खेल रहे थे. बंदी में ट्रेन देर होने से सभी पूछताछ काउंटर पर हर दस से 15 मिनट पर जा रहे थे.
देवघर जाने के लिए स्टेशन पहुंचे प्रवीण किशोर ने बताया कि वह पूरे परिवार के साथ स्टेशन पर काफी देर से खड़े हैं. उनकी ट्रेन कब आयेगी, यह पूछताछ केंद्र पर भी कोई नहीं बता रहा है. अवध असम पकड़ने आये तौफिक ने बताया कि उसे असम जाना है. यह ट्रेन सुबह आनी थी, जिसका दोपहर तक अता पता नहीं है. छपरा जाने के लिए स्टेशन पहुंचे उमेश कुमार ने बताया कि उन्हें पैसेंजर ट्रेन पकड़नी थी. लेकिन, ट्रेन अब तक यहां नहीं पहुंची है. ट्रेनों के देर होने से स्टेशन चौक पर पूरी तरह भीड़ एकत्रित हो गयी थी. कोई परिवार के साथ था, तो कोई अकेले ही इंतजार कर रहा था. वहीं, ट्रेन की सही जानकारी नहीं देने पर कई बार पूछताछ काउंटर पर यात्रियों व कर्मचारियों के बीच नोकझोंक भी हुई.
75237 मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज पैसेंजर ट्रेन
75226 रक्सौल-मुजफ्फरपुर पैसेंजर ट्रेन
55213 मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज पैसेंजर ट्रेन
55208 नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर पैसेंजर ट्रेन
जगह-जगह रेलवे ट्रैक जाम होने से एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों को बीच के स्टेशनों से ही लौटा देना पड़ा है. इसमें सोमवार की अहले सुबह रक्सौल से खुली 15202 रक्सौल-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस को विलंब होने के कारण उसे मुजफ्फरपुर से ही गाड़ी संख्या 15201 बना रक्सौल लौटा दी गयी. वहीं मुजफ्फरपुर से खुलनेवाली 15215 मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज को चकिया से गाड़ी संख्या 15216 बन मुजफ्फरपुर लौटनी पड़ी. वहीं मुजफ्फरपुर व गोरखपुर के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 55207 व 55220 पैसेंजर ट्रेन को मेहसी स्टेशन पर आंशिक समापन कर दिया गया.
यशवंतपुर एक्सप्रेस दस व पांच घंटे लेट खुली सप्तक्रांति एक्सप्रेस: मुजफ्फरपुर से यशवंतपुर जानेवाली एक्सप्रेस ट्रेन सुबह साढ़े छह बजे के बजाय लगभग दस घंटे लेट शाम चार बजे के बाद खुली. वहीं मुजफ्फरपुर से आनंद विहार जानेवाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस पांच घंटे तक जंक्शन पर खड़ी रही. यह ट्रेन शाम पांच बजे के बाद आनंद विहार के लिए रवाना हुई. इस बीच सुबह-सुबह दोनों ट्रेनों को पकड़ने के लिए पहुंचे यात्री दिनभर स्टेशन पर बेचैन रहे. इन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.