मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के दस बीएड कॉलेजों ने सत्र 2012-13 में बगैर अनुमति करीब एक हजार छात्रों का नामांकन ले लिया है. इसमें सबसे ज्यादा चार-चार कॉलेज वैशाली व एक-एक कॉलेज सीतामढ़ी व वेस्ट चंपारण में है. इन कॉलेजों को विवि से छात्रों का नामांकन लेने के लिए कोई आदेश प्राप्त नहीं है.
बावजूद सभी कॉलेज सत्र 2012-13 में बिहार विवि से संबद्धता होने का दावा करते हुए सौ-सौ सीटों पर नामांकन ले लिया है. इसका खुलासा होने के बाद विवि ने छात्रों के नामांकन को अवैध करार देते हुए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. विवि के इस फैसला से जहां नामांकित एक हजार छात्रों का कैरियर फंस गया है. वहीं बगैर आदेश नामांकन लेने वाले कॉलेजों में हड़कंप है.
मौखिक आदेश पर नामांकन
विवि की ओर से रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने के बाद कॉलेज प्रशासन तत्कालीन वीसी डॉ विमल कुमार व कुलसचिव डॉ एपी मिश्र के मौखिक निर्देश पर नामांकन लेने का दलील दे रहे हैं. हालांकि, विवि अधिकारी कॉलेज प्रशासन के इस दलील को ठुकराते हुए इसे गलत बताया है. अधिकारी का कहना है कि कोई किसी को मौखिक आदेश दे देगा, इस पर छात्रों का नामांकन कैसे हो सकता है. विवि में सभी कार्य के लिए नियम-कानून बना हुआ है.
विदित हो कि पिछले सत्र में तत्कालीन प्रभारी वीसी डॉ राजेंद्र मिश्र के मौखिक आदेश पर सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत दर्जन भर सरकारी कॉलेजों में स्नातक के विभिन्न विषयों में नामांकन हुआ था. इसके बाद वीसी का पदभार ग्रहण करते हुए डॉ विमल कुमार ने नामांकित छात्रों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी. अंत में छात्रों के आंदोलन व कड़े तेवर के बाद राजभवन से अनुमति लेकर छात्रों का रजिस्ट्रेशन हुआ था.