21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नाउम्मीदी की जमीन पर गंगा कर रहे खुशहाली की खेती

मनोज मिश्र कांटी :​जेठ हो कि हो पूस, हमारे कृषकों को आराम नहीं है, छूटे कभी संग बैलों का ऐसा कोई याम नहीं है. मुख में जीभ शक्ति भुजा में जीवन में सुख का नाम नहीं है​.​ वसन क​हां​​? सूखी रोटी भी मिलती दोनों शाम नहीं है. रामधारी सिंह की दिनकर की ​यह ​कविता उन […]

मनोज मिश्र
कांटी :​जेठ हो कि हो पूस, हमारे कृषकों को आराम नहीं है, छूटे कभी संग बैलों का ऐसा कोई याम नहीं है. मुख में जीभ शक्ति भुजा में जीवन में सुख का नाम नहीं है​.​ वसन क​हां​​? सूखी रोटी भी मिलती दोनों शाम नहीं है. रामधारी सिंह की दिनकर की ​यह ​कविता उन तमाम किसानों को समर्पित है, जो खून-पसीना बहाकर दूसरे की भूख मिटाते ​हैं​​​, पर उनके पेट में दाने कम आंसूओं की बूं​दें​​ अधिक होती ​हैं​​​​. आज बैल की जगह उनके अपने कंधे हैं, जो दिन रात उम्मीदों का बोझ उठाये हुए ​हैं​​.
उनके रास्ते में हर कदम पर जोखिम है. देश दुनिया में ​बैं​​​क के घोटाले की चर्चा में ​लोग ​लीन हैं. पर ​कांटी प्रखंड के सरमसपुर गांव के किसान गंगा भगत को केसीसी की ​छोटी ​राशि से भी उम्मीद नहीं​. कहते हैं, हमें तो इस छह बीघे की जमीन पर ही यकीन है, जो दगा देगी, या मेरा घर अन्न से भर देगी. यह गंगा के हौसले का ही परिणाम है कि आज उनके खेतों में हर प्रकार की सब्जी लहलहा रही है. छह बीघे में मटर, गोभी, टमाटर, मूली, परवल, कुंडली, प्याज, धनिया, बैंगन आदि सारी फसल व्यवस्थित तरीके से लगायी गयी है.
कोई सरकारी मदद नहीं लेते
गंगा कहते हैं-अब केसीसी के लिए बैंक में दौड़ कौन लगाये? सही से बात नहीं करते बैंक वाले. बिचौलिया लाख पर 30 हजार मांगता है. खेती से फुरसत कहां कि हम चक्कर लगाते रहे. हम तो महाजन से ही पैसे ले लेते हैं.
डीजल अनुदान कभी नहीं लिया. आपके खेतों से बिजली का तार गुजरा है, कृषि कार्य के लिए बिजली चालित पंप के लिए क्यों नहीं आवेदन देते? कहते हैं-यह सुविधा दबंग व पैसेवालों के लिए है, हमारे लिये तो यही व्यवस्था रहेगी.
परपंरागत छोड़ अपनायी वैकल्पिक खेती
गंगा कहते हैं-एक साल हमने सारी जमीन पर गेहूं की खेती की थी. करीब चार लाख का कर्ज तीन फीसदी ब्याज पर लेकर खेती की थी. फिर हमने निर्णय लिया कि सब्जी की खेती करेंगे. दो सालों में इसकी आमदनी से हमने सारा कर्ज चुका दिया. 800 रुपये कट्ठे के हिसाब से छह बीघा जमीन लीज पर ही ले रखी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें