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एमएसकेबी को दो साल में भी नहीं मिली बीकॉम की मंजूरी

प्राचार्य बोले, विवि प्रशासन को फिर से भेजेंगे रिमाइंडर मुजफ्फरपुर : एमएसकेबी कॉलेज में बीकॉम की पढ़ाई शुरू करने की कवायद दो साल से चल रही है, लेकिन विश्वविद्यालय से अबतक संबद्धता नहीं मिली है. वहीं चार विषयों में पीजी की सेल्फ फाइनेंस से पढ़ाई के लिए भी कॉलेज ने विवि को प्रस्ताव भेजा है. […]

प्राचार्य बोले, विवि प्रशासन को फिर से भेजेंगे रिमाइंडर
मुजफ्फरपुर : एमएसकेबी कॉलेज में बीकॉम की पढ़ाई शुरू करने की कवायद दो साल से चल रही है, लेकिन विश्वविद्यालय से अबतक संबद्धता नहीं मिली है. वहीं चार विषयों में पीजी की सेल्फ फाइनेंस से पढ़ाई के लिए भी कॉलेज ने विवि को प्रस्ताव भेजा है.
दोनों कोर्स शुरू होने से छात्राओं को राहत मिलेगी. कॉलेज प्रशासन की ओर से बीआरए बिहार विवि को जल्द ही रिमाइंडर भेजा जायेगा. मंगलवार को प्राचार्य डॉ मनेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी उपलब्धियों के साथ ही योजनाओं के बारे में भी बताया.
प्राचार्य ने कहा कि दो साल पहले ही बीकॉम की संबद्धता के लिए कॉलेज से प्रस्ताव भेजा गया है. वहीं गृह विज्ञान, इतिहास, मनोविज्ञान व उर्दू विषय से पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रस्ताव विवि स्तर पर पेंडिंग है. सितंबर 2016 में विवि की टीम ने इसके लिए निरीक्षण कर रिपोर्ट भी भेज दी है.
प्राचार्य ने बताया कि छात्राओं के हित में विवि से पीजी की पढ़ाई के लिए अनुमति, बीकॉम का संबंधन और केमिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, म्यूजिक व हिंदी के शिक्षक की डिमांड करेंगे. मौके पर बर्सर डॉ पूनम वर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिन्हा, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ शक्ति शंकर मिश्र व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष निशांत शेखर मौजूद थे.
रूसा से अनुदान के लिए भेजेंगे प्रस्ताव
प्राचार्य ने बताया कि नैक मूल्यांकन में बी प्लस ग्रेड मिलने के बाद भी रूसा से अनुदान नहीं मिला है, क्योंकि कॉलेज से प्रस्ताव नहीं भेजा जा सका. फरवरी में प्रस्ताव भेजेंगे. जो अनुदान मिलेगा, उससे कॉलेज का इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त किया जायेगा. निर्माणाधीन हॉस्टल का काम भी पूरा कराया जायेगा. इंडोर स्टेडियम का काम भी अधूरा है. यूजीसी से 29 लाख मिले थे. तत्कालीन लेखापाल से रिपोर्ट मांगी गयी है.
सुधार के लिए लगातार प्रयास
प्राचार्य ने कहा कि चार महीने पहले कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही सुधार के लिए प्रयास में जुट गये. उर्दू विभाग में 52 साल बाद सेमिनार कराया. इंगलिश, फिजिक्स, केमिस्ट्री व हिस्ट्री डिपार्टमेंट में भी सेमिनार हुआ. क्लीनिकल साइकोलॉजी डिपार्टमेंट का वर्कशॉप कराया गया. कई संगठनों से मिल कर कार्यक्रम कराया गया.
शिक्षक-छात्रों की उपस्थिति बढ़ी
शिक्षकों के साथ ही छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दिया. प्राचार्य ने बताया कि इसके लिए अभिभावक गोष्ठी की गयी. सभी कक्षाओं में न्यूनतम उपस्थिति 75 प्रतिशत अनिवार्य कर दी गयी है. शिक्षकों की भी कॉलेज में नियमित उपस्थिति रहती है. अगले सत्र में छात्राओं का नामांकन बढ़ाने का भी प्रयास किया जायेगा.

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