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शूटर व सेटर के ठिकानों तक पहुंचने को क्राइम फाइल खंगाल रही पुलिस

मुजफ्फरपुर : आभूषण व्यवसायी रोहित हत्याकांड के साजिशकर्ता मनोज सहनी और शूटर रंजीत पासवान को दबोचने के लिए पुलिस वैज्ञानिक जांच के साथ ही पुराने क्राइम फाइल का भी सहारा ले रही है. पुलिस को उसके असम भागने की सूचना मिली है. दोनों की आपराधिक कुंडली खंगालने का काम शुरू कर दिया है. पुलिस को […]

मुजफ्फरपुर : आभूषण व्यवसायी रोहित हत्याकांड के साजिशकर्ता मनोज सहनी और शूटर रंजीत पासवान को दबोचने के लिए पुलिस वैज्ञानिक जांच के साथ ही पुराने क्राइम फाइल का भी सहारा ले रही है. पुलिस को उसके असम भागने की सूचना मिली है. दोनों की आपराधिक कुंडली खंगालने का काम शुरू कर दिया है. पुलिस को इन दोनों के कई संगीन वारदातों में संलिप्त रहने की जानकारी मिली है. पुलिस क्राइम फाइल से उसके फरारी के दौरान छिपने वाले अन्य ठिकानों की भी तलाश कर रही है.

सूतापट्टी के एक व्यवसायी से मांगी थी रंगदारी : छिटभगवतीपुर का मनोज सहनी चार वर्ष पूर्व वर्ष 2014 तक कई संगीन आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया था. क्राइम फाइल के निरीक्षण के दौरान पुलिस को इस बात की जानकारी मिली है. उस पर रंगदारी, हत्या, चोरी, छिनतई और हत्या जैसे आपराधिक मुकदमा दर्ज है. इन मामलों में वह जेल भी जा चुका है. वर्ष 2012 में उसने सृतापट्टी के एक व्यवसायी से रंगदारी की मांग की थी. उक्त व्यवसायी ने जब थाने में शिकायत दर्ज करायी तो वह उसके जान के पीछे पड़ गया था. शहर के एक जमीन कारोबारी से भी उसके नजदीकी संबंध होने की बात पुलिस जांच में सामने आयी है.
रंगदारी के एक मामले में वर्ष 2012 में उसे जेल भेजा गया था. जमानत पर निकलने के बाद उसने राज मिस्त्री का काम शुरू कर दिया. वर्ष 2016 के दिसंबर माह में चतुर्भुज स्थान चौक पर पुलिस ने उसे संदिग्ध स्थिति में पकड़ा था. जांच के दौरान उसने राजमिस्त्री का काम करने की बात पुलिस को बतायी थी. साथ ही कार्य किये गये आधे दर्जन स्थानों की जानकारी भी पुलिस को दी थी. उक्त जगहों पर उसके राज मिस्त्री का कार्य करने की पुष्टि होने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया था.
दोनों की क्राइम फाइल में फरारी के समय के ठिकानों को तलाश रही पुलिस
हत्या के पूर्व आधे घंटे तक मंडी में ही था मनोज गिरोह
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार घटना के दिन बुधवार 10 जनवरी को मनोज सहनी गिरोह के सर्राफा मंडी में आधे घंटे तक छिप कर रहने की बात सामने आयी है. रोहित हत्याकांड को अंजाम देने के लिए मनोज सहनी लाइनर विक्की के पास शाम 8.03 बजे ही पहुंच गया था. विक्की मोबाइल पर बात कर उसे रोहित के दुकान के पास 8.09 बजे बुलाया और दिखा दिया. सर्राफा मंडी और इसके आसपास के इलाके में ही छिप कर रहा. रात साढ़े 8 बजे रोहित के दुकान पर पहुंचा और उसकी हत्या कर दी.
जेल जाने के बाद एक बार फिर सक्रिय हुआ शातिर मनोज
रंगदारी के एक मामले में जमानत रद्द हो जाने के बाद न्यायालय ने मनोज सहनी के विरुद्ध वारंट जारी कर दिया. नगर थानेदार केपी सिंह उसे विगत 24 सितंबर 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जेल में रहने के दौरान ही उसने फिर से अपना गिरोह तैयार कर लिया. जेल में रहने के दौरान ही उसने रोहित हत्याकांड की योजना बनायी. निकलने के बाद अपने गिरोह के आपराधिक साथियों के साथ रणनीति तैयार कर हत्याकांड को अंजाम देकर फरार हो गया है.

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