मुजफ्फरपुर : कालाजार की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराये जा रहे छिड़काव पर लोगों ने आपत्ति जता दी है. जिले के आठ लाख घरों में से 483 घरों के प्रधान ने छिड़काव कराने से इनकार कर दिया है, जबकि इस साल मरीजों की संख्या बढ़ी है. 11 माह में जिले में 407 नये मरीज इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से पारू में दो की मौत हो चुकी है. जिला स्वास्थ्य समिति भवन में शनिवार को कालाजार उन्मूलन को लेकर हुई समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी.
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483 लोगाें ने छिड़काव कराने से किया इनकार
मुजफ्फरपुर : कालाजार की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराये जा रहे छिड़काव पर लोगों ने आपत्ति जता दी है. जिले के आठ लाख घरों में से 483 घरों के प्रधान ने छिड़काव कराने से इनकार कर दिया है, जबकि इस साल मरीजों की संख्या बढ़ी है. 11 माह में जिले में […]
बैठक में सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह कहा कि इससे जाहिर हो रहा है कि जिले में कालाजार की मॉनीटरिंग नहीं हो रही है. कालाजार को रोकने के लिए दवा का छिड़काव ठीक से नहीं हो रहा है. कुढ़नी को छोड़ कर पारू, कटरा, साहेबगंज, मीनापुर, मोतीपुर, सरैया सबसे अधिक संवेदनशील हैं. छिड़काव के दौरान सायंकालीन बैठक नहीं होती है. उन्होंने कहा कि हर छिड़काव अभियान के दौरान प्रति प्रखंड 15 सौ तक घरों में छिड़काव नहीं हो रहा है.
मौके पर जिला वैक्टर बॉर्न अधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि मॉनीटरिंग की कमी है. फॉलोअप नहीं हो रहा है. समीक्षा के दौरान कुछ पीएचसी प्रभारियों ने मैनपावर की कमी बतायी. मौके पर डब्ल्यूएचओ के डॉ आनंद गौतम, अमरेंद्र कुमार, प्रीतिकेश परमार्थी समेत कई पीएचसी के प्रभारी व हेल्थ प्रबंधक मौजूद थे.
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