मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के चार जिलों (मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा व मधुबनी) को जोड़ते हुए नेपाल से जुड़ने वाली राजकीय राजमार्ग संख्या 527सी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस सड़क निर्माण को लेकर एक नवंबर से ऑनलाइन टेंडर भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. 18 नवंबर टेंडर भरे जाने का अंतिम दिन है. 19 नवंबर को टेंडर खुलने के बाद मानक को पूरा करने वाली एजेंसी को निर्माण की जिम्मेदारी दे दी जाएगी. निर्माण कार्य के लिये दो साल का समय निर्धारित किया गया है.
यानि कि समय से सबकुछ होता रहा तो 2019 के दिसंबर तक सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा. एक सप्ताह के अंदर थ्री डी भी जारी कर दी जाएगी. जिसके बाद जमीन अधिग्रहण का काम भी भूअर्जन विभाग से शुरू कर दिया जाएगा.
496 करोड़ की लागत से बनने वाली 63.665 किलोमीटर लंबी सड़क की चौड़ाई 10 मीटर होगी. इस टू लेन सड़क के बनने से नेपाल की यात्रा भी सुगम हो जाएगी. इस सड़क के बन जाने से नेपाल की दूरी कम हो जाएगी.
इस परियोजना की जो रूपरेखा तैयार की गयी है, उसके अनुसार इसमें पांच बड़े नये पुल बनाये जाएंगे, जिसकी लंबी 60 मीटर से अधिक होगी. वहीं 14 छोटे पुल जिसकी लंबाई 60 मीटर से कम होगी. इसके साथ ही एक रेलवे ओवरब्रिज और 36 किमी बाईपास सड़क बनाने का भी प्रावधान है. कुल 255 हेक्टेयर जमीन इस सड़क निर्माण को लेकर चाहिए,
जिसमें 212.72 हेक्टेयर अधिग्रहण करना है. यह जमीन मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा व मधुबनी जिले में पड़ता है. इसमें दो जगहों पर अंडर पास भी बनाया जाना है.
, जिसमें एक 5.5 मीटर व दूसरा 3.5 मीटर ऊंचाई का होगा.
496 करोड़ से बनेगी 64 किमी लंबी मझौली-चोरौत सड़क
यह सड़क चार जिलों से होते
हुए जोड़ेगी नेपाल से
19 नवंबर को पूरी हो जाएगी टेंडर की प्रक्रिया
भू अर्जन विभाग जमीन अधिग्रहण करेगा
एनएचएआई के तकनीकी प्रबंधक प्रभात रंजन पांडेय ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर टेंडर का काम शुरू हैं. इसके साथ ही एक सप्ताह के अंदर सीतामढ़ी, दरभंगा जिले का थ्री डी यानि जमीन अधिग्रहण की सूची जारी कर दी जाएगी. इसके अनुसार भूअर्जन विभाग भू अधिग्रहण करेगा. इस सड़क का निर्माण की अवधि दो साल रखी गयी है. जो संवेदक सड़क निर्माण कराएगा, उसे चार साल तक रखरखाव भी करना है.